Ismail Darbar On Sanjay Leela Bhansali: संगीत और सिनेमा की दुनिया के दो बड़े नाम इस्माइल दरबार और संजय लीला भंसाली के बीच अब रिश्ता पूरी तरह टूट चुका है। कभी “हम दिल दे चुके सनम” और “देवदास” जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में जादुई संगीत देने वाली इस जोड़ी के बीच अब गहरी दरार आ चुकी है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में इस्माइल दरबार ने इस रिश्ते में आई खटास और भंसाली से जुड़ी कई अनकही बातें साझा कीं।
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भंसाली के साथ रिश्ता शुरू से था ‘अनोखा’

इस्माइल दरबार ने बताया कि भंसाली के साथ उनका रिश्ता हमेशा ही अलग रहा। “हम दिल दे चुके सनम” के दौरान उन्होंने कभी भी निर्देशक की हर बात को बिना सोचे स्वीकार नहीं किया। इस्माइल के मुताबिक, “मैं वही करता था जो मुझे सही लगता था। अगर संजय की राय से असहमति होती, तो मैं सीधे कह देता था।” उनका मानना है कि रचनात्मक काम में बहस और असहमति एक हेल्दी प्रक्रिया है, और इसी से अच्छा संगीत पैदा होता है।
“हीरामंडी” ने बढ़ाई खटास
सालों बाद दोनों एक बार फिर भंसाली की वेब सीरीज़ “हीरामंडी: द डायमंड बाज़ार” के लिए साथ आए। इस्माइल ने करीब डेढ़ साल तक इस प्रोजेक्ट पर काम किया था। लेकिन, एक मीडिया रिपोर्ट जिसमें उनके संगीत को शो की “रीढ़” बताया गया, ने सबकुछ बदल दिया।
भंसाली को लगा कि यह खबर इस्माइल दरबार ने खुद फैलवाई है। दरबार बताते हैं, “उन्होंने मुझे बुलाकर कहा — ‘इस्माइल, तुम ऐसा कैसे कह सकते हो?’ फिर बोले — ‘ठीक है, जाने दो।’ तब मुझे समझ आया कि देर-सवेर वह मुझे ऐसी स्थिति में डाल देंगे कि मैं खुद प्रोजेक्ट छोड़ दूं। इसलिए मैंने पहले ही छोड़ दिया।”
“100 करोड़ भी देंगे, तो काम नहीं करूंगा”
इस्माइल दरबार ने साफ कहा कि आज उनके और भंसाली के बीच 100% अनबन है। उन्होंने खुलकर कहा, “अगर आज संजय मुझसे कहें कि मेरी फिल्म का संगीत बना दो, मैं तुम्हें 100 करोड़ दूँगा, तो मैं कहूँगा — ‘पहली फुर्सत में चले जाओ यहां से।’” उन्होंने यह भी बताया कि “गुजारिश” के समय भी दोनों के बीच तनाव था। यहां तक कि भंसाली ने मीडिया को निर्देश दे दिया था कि इस्माइल दरबार के इंटरव्यू न लिए जाएं।
“हीरामंडी” का संगीत मुझे पसंद नहीं आया
इस्माइल ने यह भी कहा कि उन्होंने “हीरामंडी” देखी, लेकिन शो का संगीत उन्हें पसंद नहीं आया। उन्होंने कहा, “अगर मैंने इसका संगीत बनाया होता, तो यह अमर हो जाता। मैंने जो तैयारी की थी, उस स्तर तक संजय कभी नहीं पहुंच पाते।”
“अहंकार ने बिगाड़ा रिश्ता”

दरबार का कहना है कि भंसाली के भीतर यह डर बैठ गया कि संगीत की सफलता का श्रेय उन्हें नहीं बल्कि इस्माइल को मिलेगा। “हम दिल दे चुके सनम और देवदास में मेरी मेहनत से फिल्में अमर हुईं, लेकिन क्रेडिट संजय ले गए। वहीं से रिश्ता बदल गया,” उन्होंने कहा।
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