Israel Iran Conflict: इजरायल और ईरान के बीच इन दिनों तनाव बढ़ता दिख रहा है ऐसे में इसका असर दुनियाभर में भी देखने को मिल रहा है, सबसे बड़ी चिंता कच्चे तेल की बढ़ती कीमतो के लेकर है। बता दें कि अभी फिलहाल तो दुनिया में तेल के सप्लाई पर कोई बड़ा प्रभाव पडेगा. लेकिन तेल के दामों में तेजी आ सकती है। जिससे की भारत की तेल कंपनियों का फायदे में भी गिरावट आ सकती है, लेकिन इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि शायद पेट्रोल- डीजल के दामों में तुरंत ही कोई बड़ा बदलाव न दिखे।
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इतनी होगी कीमतो में बढोतरी?
शुक्रवार के दिन यानी 14 जून को इजरायल ने ईरान के कुछ परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमला कर दिया था। जिसके बाद ईरान की ओर से भी बदले की धमकी दी गई। जिसके कारण तेल बाजार में उथल-पुथल देखी जा रही है। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में 8% की तेज़ बढ़ोतरी हुई है, जिससे इसका भाव 75 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण हालात अब भी बरकरार हैं।

तेल रिफाइनरी के अधिकारी ने कहा…
एक तेल रिफाइनरी के अधिकारी का कहना है कि अमेरिका, ईरान और पश्चिम एशिया के अन्य देशों की कोशिश होगी कि तेल की आपूर्ति में कोई बाधा न आए। उनके अनुसार, इस क्षेत्र के तेल उत्पादक देश नहीं चाहेंगे कि उनका कारोबार प्रभावित हो। साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी सप्लाई में कोई कटौती नहीं चाहेंगे, क्योंकि ऐसा होने पर अमेरिका में पेट्रोल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
भारत अन्य देशों से भी खरीदता है तेल…
रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के CEO और HPCL के पूर्व प्रमुख एम के सुराना का कहना है कि भारत अब और भी अन्य देशो से तेल खरीदता है, पहले की अपेक्षा पश्चिम एशिया से तेल की खरीद अब कम हो गई है, अभी भारत जितना तेल खरीदता है, उसका लगभग 40% रूस से आता है। सुराना ने आगे कहा कि भारत के लिए सप्लाई से ज्यादा जरूरी तेल की कीमतों का खतरा है। इससे तेल कंपनियों के मुनाफे पर भी प्रभाव पड़ सकता है।

