ISRO 100th Mission:भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने हाल ही में अपना ऐतिहासिक 100वां मिशन लॉन्च किया था, जिसे दुनियाभर से सराहना मिली थी। हालांकि, इस मिशन के साथ एक बड़ी समस्या सामने आई है, जिससे ISRO को गंभीर दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इस साल के पहले स्पेस मिशन में तकनीकी खराबी आ गई है, जिसके कारण सैटेलाइट अपनी तय कक्षा में नहीं पहुंच सका।
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टेक्निकल खराबी के कारण मिशन में अड़चन

इस मिशन में भेजा गया नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-02, बुधवार को लॉन्च किया गया था। हालांकि, इसे अपनी निर्धारित कक्षा में नहीं भेजा जा सका। ISRO ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर एक अपडेट जारी किया, जिसमें बताया गया कि सैटेलाइट को सही जगह पर पहुंचाने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई जा रही थी, उसमें कुछ तकनीकी समस्याएं आ गईं।
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सैटेलाइट के इंजन में आई खराबी

सैटेलाइट को अपनी निर्धारित कक्षा तक पहुंचाने के लिए उसकी ऊंचाई बढ़ाने के लिए उसके इंजन में ऑक्सीडाइज़र पहुंचाने वाले वॉल्व को खोलने की आवश्यकता थी। लेकिन, इन वॉल्व्स के खुलने में समस्या आ गई, जिससे सैटेलाइट की ऊंचाई बढ़ गई और उसकी कक्षा में जाने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो गई।सैटेलाइट का निर्माण यू आर राव सैटेलाइट सेंटर द्वारा किया गया था और इसे जियोस्टेशनरी कक्षा में स्थापित करने के लिए भेजा गया था। हालांकि, इसके तरल ईंधन इंजन में आई खराबी के कारण अब इसे निर्धारित कक्षा में स्थापित करने में मुश्किलें आ रही हैं।
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क्या होगा अगला कदम?

इस तकनीकी खराबी के कारण इस मिशन में देरी होने की संभावना जताई जा रही है। ISRO ने इस पर जल्द ही सुधार करने का वादा किया है और विशेषज्ञों की टीम इसे सही कक्षा में भेजने के लिए काम कर रही है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मिशन कब पूरी तरह से सफल होगा, लेकिन ISRO की टीम इस मुद्दे को हल करने के लिए प्रयासरत है।