Italy Burqa Ban Bill: यूरोप के प्रमुख देशों में से एक इटली की सरकार देशभर में बुर्का और नकाब पहनने पर बैन लगाने की तैयारी में है। प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने बुधवार (8 अक्टूबर 2025) को संसद में एक बिल पेश किया है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे और शरीर ढकने वाले बुर्का और नकाब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है।
बिल का उद्देश्य इस्लामिक कट्टरवाद से निपटना
इस बिल को ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी ने इस्लामिक अलगाववाद और कट्टरवाद को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा बताया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बिल में सार्वजनिक स्थानों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों, कार्यालयों, दुकानों समेत सभी ऐसे स्थानों पर जहां लोग जमा होते हैं, बुर्का और नकाब पहनने पर रोक लगाने की मांग की गई है।
सांसद एंडिया डेलमास्त्रो का बयान
इस बिल के मुख्य प्रस्तावकों में से एक सांसद एंडिया डेलमास्त्रो ने फेसबुक पर कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे इटली के संविधान और देश के मूल सिद्धांतों का सम्मान करते हुए सीमित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “धार्मिक स्वतंत्रता पवित्र है, लेकिन इसे संविधान और सामाजिक व्यवस्था के अनुरूप ही लागू किया जाना चाहिए।”
धार्मिक उग्रवाद और कट्टरवाद के खिलाफ सख्त प्रावधान
बिल की प्रस्तावना में यह स्पष्ट किया गया है कि इस्लामिक कट्टरवाद का प्रसार धार्मिक उग्रवाद और आतंकवाद के लिए बढ़ावा देता है। इसलिए इसे रोकने के लिए यह बिल जरूरी है। साथ ही, बिल में धार्मिक आधार पर घृणा फैलाने वाले कार्यों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव रखा गया है।
भारी जुर्माना और सख्त दंड का प्रावधान
इस बिल के उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान है, जो 300 यूरो (करीब 30,959 रुपये) से लेकर 3000 यूरो (लगभग 3,09,588 रुपये) तक हो सकता है। इसके अलावा, बिल में जबरन शादी कराने और वर्जिनिटी टेस्टिंग जैसे प्रथाओं पर भी कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है, ताकि धार्मिक दबाव में शोषण को रोका जा सके।
मस्जिदों की फंडिंग पर नियंत्रण
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बिल में मस्जिदों और मुस्लिम संगठनों की फंडिंग पर भी नियंत्रण रखने का प्रावधान शामिल है। यदि कोई संगठन या मस्जिद देश की सुरक्षा के खिलाफ या असामाजिक विचारधारा को बढ़ावा देती हुई फंडिंग प्राप्त करती है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। यह कदम देश की सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता के लिए उठाया गया है।
देश में बढ़ती चिंताएं और प्रतिक्रिया
इस बिल के कारण इटली में मुस्लिम समुदाय और मानवाधिकार संगठनों के बीच चिंता भी बढ़ी है। कई समूह इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि यह कदम देश की सुरक्षा और सामाजिक एकता के लिए जरूरी है।
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