UP News: टिकट बहस में बौखलाया TTE, नेवी अफसर की पत्नी को चलती ट्रेन से दिया धक्का

नौसेना अफसर की पत्नी आरती यादव की संदिग्ध मौत के मामले में नया मोड़। इटावा रेलखंड पर हुई इस घटना में, परिजनों के आरोप पर TTE के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है। टिकट विवाद में टीटीई संतोष पर महिला को चलती ट्रेन से धक्का देने का आरोप है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

Aanchal Singh
UP News
क्या है TTE संतोष का काला सच?

UP News:  उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में नौसेना के एक अधिकारी की पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत के मामले में एक चौंकाने वाला नया मोड़ सामने आया है। पहले जिसे एक साधारण रेल हादसा माना जा रहा था, अब वह जघन्य हत्याकांड में बदलता दिख रहा है। इटावा के राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) थाने में तैनात एक टिकट परीक्षक (TTE) के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। महिला के परिजनों ने टीटीई पर टिकट विवाद के चलते चलती ट्रेन से धक्का देने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसके कारण महिला की जान चली गई।

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कैसे शुरू हुआ टिकट विवाद?

बताते चले कि, यह हृदय विदारक घटना बुधवार को साम्हो-भरथना रेलखंड पर सामने आई, जहां रेलवे ट्रैक के किनारे 32 वर्षीय एक महिला का शव बरामद हुआ था। मृतका की पहचान कानपुर देहात के भोगनीपुर निवासी आरती यादव के रूप में हुई। उनके पति, अजय यादव, नौसेना में कार्यरत हैं और वर्तमान में मुंबई में तैनात होने के बावजूद स्पेशल ट्रेनिंग के लिए चेन्नई में हैं। पति के निर्देश पर ही आरती इलाज के लिए अकेले दिल्ली जा रही थी।

TTE से हुई जोरदार बहस

आरती यादव जल्दबाजी में पटना-आनंद विहार स्पेशल ट्रेन (04089) में चढ़ गई थी, जबकि उनका आरक्षण किसी और ट्रेन में था। ट्रेन से दिल्ली यात्रा के दौरान, टीटीई संतोष टिकट चेक करने के लिए पहुंचे। आरक्षण की समस्या के चलते संतोष और आरती के बीच टिकट को लेकर तीखी बहस हुई। आरोप है कि यह टिकट विवाद इतना बढ़ गया कि टीटीई ने आवेश में आकर आरती को चलती हुई ट्रेन से बाहर धकेल दिया। ट्रेन में मौजूद यात्रियों ने भी इस बहस और विवाद की शिकायत रेलवे अधिकारियों से की थी।

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घटनास्थल से तीन अलग-अलग स्थानों पर सामान

गुरुवार सुबह जब पीड़ित महिला के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे, तो उन्हें मामले में भारी विसंगतियां मिलीं जिसने हादसे की थ्योरी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। परिजनों ने देखा कि आरती का पर्स शव मिलने की जगह से लगभग चार किलोमीटर दूर मिला, जबकि उनका मोबाइल फोन तीसरी ही जगह पर लोकेशन दे रहा था। यानी, महिला का शव, पर्स और मोबाइल तीन अलग-अलग स्थानों पर बिखरे हुए थे। परिजनों ने जोर देकर कहा कि अगर यह सामान्य ट्रेन हादसा होता, तो महिला का सामान इस तरह तीन दूरस्थ स्थानों पर कैसे फैल सकता है? इस असाधारण स्थिति ने स्पष्ट रूप से किसी बाहरी हस्तक्षेप, संघर्ष या जानबूझकर धक्का दिए जाने की ओर इशारा किया है, जिसने मामले को हत्या की श्रेणी में ला दिया है।

परिजनों के आरोपों पर हुई बड़ी कार्रवाई

इस पूरे घटनाक्रम पर जीआरपी के क्षेत्राधिकारी (सीओ) उदय प्रताप सिंह ने कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक मेमो में इस घटना को ट्रेन से गिरकर हुई मौत माना गया था, लेकिन परिजनों द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों और मौत की संदिग्ध प्रकृति को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की गई है। टीटीई संतोष के खिलाफ हत्या की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ने की बात कही है। यह मामला अब रेलवे सुरक्षा और टीटीई के व्यवहार पर गंभीर सवाल उठा रहा है।

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