Jagannath Rath Yatra Stampede: पुरी में रथयात्रा के दौरान भगदड़ से मची अफरा-तफरी में तीन श्रद्धालुओं की मौत के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धालुओं से माफ़ी मांगी है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने कहा, “महाप्रभु के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ में भगदड़ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैं और मेरी सरकार सभी भक्तों से क्षमा चाहते हैं।” उन्होंने दिवंगतों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए भगवान जगन्नाथ से उन्हें यह दुःख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने मानी सुरक्षा में चूक, दोषियों पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री माझी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह घटना प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है और माफ़ी के योग्य नहीं है। उन्होंने लिखा, “सुरक्षा चूक की तत्काल जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि जल्द से जल्द सभी ज़िम्मेदार लोगों की पहचान कर कार्रवाई शुरू की जाए।
कानून मंत्री ने दी जानकारी, DGP मौके पर भेजे गए
आपको बता दे कि, इस घटना के बाद ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि स्थिति पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, “यह एक दुखद घटना है। मुख्यमंत्री से मेरी बात हुई है और हमने तत्काल सख्त कदम उठाए हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) YB खुरानिया को मौके पर भेजा गया है।”
दम घुटने से गई जानें, भीड़ नियंत्रण के प्रयास जारी
हरिचंदन ने बताया कि हादसा अत्यधिक भीड़ के कारण हुआ और “तीन श्रद्धालुओं की मौत दम घुटने से हुई है। करीब छह से सात लोग घायल भी हुए हैं।” उन्होंने कहा कि सभी घायलों की हालत अब स्थिर है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और स्थिति अब नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं पुरी जा रहा हूं और मौके से स्थिति की निगरानी करूंगा।”
गुंडिचा मंदिर के पास हुआ हादसा, रथयात्रा में उमड़ी भारी भीड़
यह हादसा गुंडिचा मंदिर के पास हुआ, जहां भक्त तीन देवताओं – भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा के रथ खींच रहे थे। ये रथ जगन्नाथ मंदिर से निकलकर गुंडिचा मंदिर तक पहुंचते हैं, जहां देवता एक सप्ताह बिताने के बाद पुनः मुख्य मंदिर लौटते हैं। इस वार्षिक रथयात्रा का आयोजन इस वर्ष शुक्रवार से शुरू हुआ था और इसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।
पुरी रथयात्रा की यह दुखद घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि भीड़ प्रबंधन की बड़ी चुनौती को भी सामने लाती है। मुख्यमंत्री माझी और मंत्री हरिचंदन की तत्परता सराहनीय है, लेकिन भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं न हों, इसके लिए सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की ज़रूरत है।
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