Jagdeep Dhankar: उपराष्ट्रपति बनने से पहले सहा ऐसा दुख, जिसने बदल दी ज़िंदगी

राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक साधारण किसान परिवार से उपराष्ट्रपति पद तक का उनका सफर प्रेरणादायक रहा है। लेकिन इस संघर्षों से भरी यात्रा में एक साल ऐसा भी आया

Nivedita Kasaudhan
Jagdeep Dhankar
Jagdeep Dhankar

Jagdeep Dhankar: 21 जुलाई को देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राजस्थान के झुंझुनू जिले के एक साधारण किसान परिवार से उपराष्ट्रपति पद तक का उनका सफर प्रेरणादायक रहा है। लेकिन इस संघर्षों से भरी यात्रा में एक साल ऐसा भी आया जिसने उनकी ज़िंदगी की दिशा और सोच दोनों को बदल दिया। साल 1994 उनके लिए सबसे ज्यादा दुखदायी साबित हुआ, जब उन्होंने अपने इकलौते बेटे को हमेशा के लिए खो दिया।

Read more: Monsoon Session 2025: मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष का हंगामा, Rajnath Singh ने कहा,’हर विषय पर चर्चा के लिए हम तैयार’

निजी जीवन की त्रासदी

Jagdeep Dhankar
Jagdeep Dhankar

साल 1994 में जगदीप धनखड़ को निजी जीवन की ऐसी त्रासदी से गुजरना पड़ा, जिसकी टीस आज भी उनके चेहरे पर झलकती है। उसी साल उनके 14 वर्षीय बेटे दीपक धनखड़ का ब्रेन हेमरेज से अचानक निधन हो गया। दीपक को तुरंत इलाज के लिए दिल्ली लाया गया, लेकिन डॉक्टरों की सारी कोशिशें नाकाम रहीं। इस हादसे ने धनखड़ और उनके पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया।

बेटे के जाने के बाद बदल गई ज़िंदगी

बेटे के निधन के बाद धनखड़ मानसिक रूप से टूट गए थे। उनके नज़दीकी लोगों के मुताबिक, उन्होंने खुद को दुनियावी चीजों से लगभग अलग कर लिया था। कुछ समय तक वह गुमसुम और खामोश रहे। लेकिन उस दौर में भी वह राजनीति में सक्रिय थे और 1993 से 1998 के बीच राजस्थान विधानसभा में किशनगढ़ से विधायक के रूप में कार्यरत थे। इस निजी दुख ने उन्हें भीतर से इतना झकझोर दिया कि उन्होंने खुद को पूरी तरह काम में झोंक दिया।

संघर्षपूर्ण जीवन

Jagdeep Dhankar का जन्म 18 मई 1951 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के किठाना गांव में एक जाट किसान परिवार में हुआ। उनके पिता गोकल चंद और मां केसरी देवी ने उन्हें मेहनत, ईमानदारी और अनुशासन की सीख दी। स्कूल के लिए उन्हें रोज़ 4-5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था, लेकिन शिक्षा के प्रति उनका समर्पण कभी कम नहीं हुआ। उन्होंने सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़ से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और फिर राजस्थान यूनिवर्सिटी से भौतिकी में स्नातक और एलएलबी की पढ़ाई की।

धनखड़ ने 1979 में वकालत शुरू की और जल्द ही राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बन गए। 1989 में वह झुंझुनू से जनता दल के टिकट पर सांसद चुने गए और चंद्रशेखर सरकार में संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।

Jagdeep Dhankar
Jagdeep Dhankar

Read more: Jagdeep Dhankhar Resigns: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक दिया इस्तीफा, स्वास्थ्य को बताया कारण…

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version