Jagdeep Dhankhar Pension News: देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 22 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के पीछे उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था. इस्तीफे के बाद से वे सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आए और न ही कोई बयान जारी किया. अब पहली बार वे चर्चा में आए हैं जब उन्होंने राजस्थान विधानसभा से पेंशन के लिए आवेदन किया है.
विधानसभा सचिवालय में प्रक्रिया शुरू
बताते चले कि, जगदीप धनखड़ के आवेदन को विधानसभा सचिवालय ने स्वीकार कर लिया है और स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बता दें कि वे राजस्थान की दसवीं विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं. वर्ष 1993 में अजमेर जिले की किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर वे विधायक बने थे.
विधानसभा अध्यक्ष का बयान
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने पुष्टि की कि पूर्व उपराष्ट्रपति का पेंशन के लिए आवेदन प्राप्त हुआ है और उस पर कार्रवाई जारी है. उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद यह पहली बार है जब जगदीप धनखड़ ने किसी मुद्दे पर आवेदन किया है. हालांकि, उन्होंने अभी तक आवास को लेकर कोई आवेदन विभाग को नहीं दिया है.
कितनी मिलेगी पेंशन?
राजस्थान में पूर्व विधायकों को 35 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाती है. यदि पूर्व विधायक की आयु 70 वर्ष से अधिक है तो उन्हें 20% अतिरिक्त राशि दी जाती है. 80 वर्ष की उम्र होने पर यह बढ़ोतरी 30% हो जाती है। फिलहाल जगदीप धनखड़ 74 वर्ष के हैं, ऐसे में उन्हें 20% अतिरिक्त लाभ के साथ करीब 42 हजार रुपये पेंशन प्राप्त होगी.
लंबा राजनीतिक सफर
जगदीप धनखड़ का राजनीतिक करियर कई अहम पड़ावों से गुजरा है. 1989 से 1991 तक वे झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र से जनता दल के सांसद रहे. इसके बाद 1993 में कांग्रेस के टिकट पर किशनगढ़ से विधायक चुने गए. वर्ष 2019 से 2022 तक उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में कार्य किया और 2022 से 2025 तक देश के उपराष्ट्रपति पद पर रहे.
इस्तीफे पर उठे सवाल
जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर उपराष्ट्रपति पद छोड़ा था. हालांकि, उनके इस्तीफे पर विपक्ष ने कई तरह के सवाल उठाए और इसे राजनीतिक कारणों से जोड़ने की कोशिश की. दूसरी ओर हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में साफ किया कि धनखड़ ने वास्तव में स्वास्थ्य कारणों के चलते ही पद छोड़ा था.
