Jair Bolsonaro: 27 साल की सज़ा, क्या बोल्सोनारो का राजनीतिक करियर हुआ हमेशा के लिए खत्म?

ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को 2022 के चुनाव हारने के बाद तख्तापलट की साज़िश रचने के आरोप में 27 साल की सज़ा काटने के लिए जेल भेज दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतिम अपील भी ख़ारिज कर दी, जिससे उनके सभी कानूनी रास्ते बंद हो गए हैं। क्या उनके समर्थक अब भी कोई बड़ा कदम उठाएंगे, और क्या उनकी ख़राब सेहत सज़ा को प्रभावित कर सकती है?

Chandan Das
Jair Bolsonaro
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Jair Bolsonaro: ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो की कानूनी समस्याएँ थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी आदेश को बरकरार रखते हुए बड़ा फैसला दिया। यह निर्णय उस वक्त आया जब बोल्सोनारो ने नजरबंदी के दौरान अपने ‘एंकल मॉनिटर’—जो कि अदालत की निगरानी में लगाए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस होते हैं—को नुकसान पहुँचाने की बात स्वीकार की। यह डिवाइस किसी भी व्यक्ति के स्थान और गतिविधियों पर लगातार नज़र रखने के लिए लगाया जाता है और अक्सर जेल के विकल्प के तौर पर उपयोग होता है।

Jair Bolsonaro:एंकल मॉनिटर तोड़ने की कोशिश

सुप्रीम कोर्ट के जजों ने बोल्सोनारो के इस कदम को गंभीर बताते हुए कहा कि यह उनके द्वारा सज़ा से बचने और भागने का प्रयास था। उन्हें तख्तापलट की कोशिश से जुड़े मामले में 27 वर्ष की कैद की सज़ा सुनाई जा चुकी है। 70 वर्षीय बोल्सोनारो को शनिवार सुबह तड़के गिरफ्तार किया गया और उसके बाद उन्हें ब्रासीलिया स्थित फेडरल पुलिस मुख्यालय की एक कोठरी में रखा गया। कोर्ट ने इस घटना को न्यायिक आदेश की अवहेलना और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा करार दिया।

Jair Bolsonaro:रगिरफ्तारी जारी रखने का आदेश

अदालत के चार सदस्यों वाले पैनल ने एक मत से निर्णय दिया कि बोल्सोनारो को हिरासत में ही रखा जाना चाहिए। गिरफ्तारी वारंट जारी करने वाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एलेक्जेंडर डी मोरेस पहले ही बोल्सोनारो के फरार होने की आशंका जता चुके थे, जिसे उनके द्वारा एंकल मॉनिटर को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश ने और मजबूत कर दिया। मोरेस ने कहा कि यह कृत्य कोर्ट की अवमानना है और इससे यह संकेत मिलता है कि आरोपी भागने की योजना बना सकता था।

तख्तापलट की कोशिश में दोषी, 27 वर्ष की सज़ा तय

पूर्व राष्ट्रपति पर आरोप है कि 2022 में लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा से चुनाव हारने के बाद उन्होंने सत्ता पर काबिज़ रहने के लिए तख्तापलट की योजना बनाई। इसी मामले में उन्हें 27 साल की सज़ा सुनाई गई है। कोर्ट के ऑनलाइन सत्र में मोरेस के फैसले को अन्य जजों—फ्लेवियो डिनो, क्रिस्टियानो जानेन और कारमेन लूसिया—ने भी अनुमोदन दिया। इसने बोल्सोनारो की किसी भी अपील की संभावना को लगभग समाप्त कर दिया।

बेचैनी और दवा बदलने को बताया वजह, डॉक्टरों ने भी पेश किए तर्क

बोल्सोनारो ने रविवार को एक सहायक न्यायाधीश के सामने कहा कि दवा बदलने के बाद उन्हें बेचैनी, घबराहट और मानसिक तनाव महसूस होने लगा था, जिसके कारण उन्होंने एंकल मॉनिटर को तोड़ने की कोशिश की। उनके निजी डॉक्टरों और वकीलों ने भी मीडिया से बातचीत में इस बात को दोहराया और कहा कि पूर्व राष्ट्रपति मानसिक अस्थिरता से गुजर रहे थे। हालांकि अदालत ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और इसे एक बहाना करार दिया।

राजनीतिक भविष्य पर संकट, सरकारी पद से हटाए जाने और ट्रंप से दूरियाँ

2022 में पद छोड़ने के बाद से ही बोल्सोनारो की राजनीतिक परिस्थितियाँ लगातार बिगड़ती चली गई हैं। अब वे न केवल दोषी करार दिए जा चुके हैं, बल्कि उन्हें किसी भी सरकारी पद से अयोग्य भी घोषित कर दिया गया है। वहीं, उनके राजनीतिक सहयोगी रहे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी उनसे दूरी बना ली है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप प्रशासन ने बोल्सोनारो के खिलाफ लगाए गए भारी टैरिफ को वापस लेना शुरू कर दिया है, जो उनके बीच बढ़ती खटास को दर्शाता है।

हाउस अरेस्ट के 100 दिन और ट्रंप से हस्तक्षेप की मांग के आरोप

ब्रासीलिया में अपने 100 से अधिक दिनों के हाउस अरेस्ट के दौरान, बोल्सोनारो पर यह आरोप भी लगा कि उन्होंने ट्रंप से मामले में दखल देने की अनौपचारिक विनती की थी। यह आरोप उनके खिलाफ चल रही जांच को और जटिल बनाता है। पहली बार मीडिया के सामने आए उनके बेटे और सांसद एडुआर्डो बोल्सोनारो ने कहा कि उनके पिता को निशाना बनाकर “मनोवैज्ञानिक प्रताड़ना” दी जा रही है और यह सब एक संगठित राजनीतिक साज़िश का हिस्सा है।

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