Jair Bolsonaro Brazil: ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को बड़ा फैसला सुनाते हुए देश के पूर्व राष्ट्रपति जैयर बोलसोनारो को हाउस अरेस्ट में रखने का आदेश दिया है। यह आदेश ऐसे समय पर आया है जब ब्राजील और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव (ट्रेड वॉर) चरम पर है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को लेकर अमेरिका ने नाराज़गी जाहिर की है और इसकी निंदा की है।
सोशल मीडिया बना हथियार
रिपोर्ट के मुताबिक, बोलसोनारो पर देश में तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप लगा है। जस्टिस एलेक्जेंडर डी मोरेस ने यह आदेश दिया कि बोलसोनारो ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के बावजूद उसका उपयोग किया। अदालत के मुताबिक, उन्होंने अपने तीन सांसद बेटों के सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की, जो कि नियमों का उल्लंघन था।
रियो डी जेनेरियो में सार्वजनिक भाषण से मचा बवाल

बताते चलें कि, बोलसोनारो ने 3 अगस्त को रियो डी जेनेरियो में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने समर्थकों को संबोधित किया था। कोर्ट का मानना है कि उन्होंने इस दौरान फिर से ऐसे मुद्दों को उभारा, जिससे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरा हो सकता है। यह भाषण भी उनकी गिरफ्तारी के आदेश की एक वजह बना।
फोन भी जब्त
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ब्राजील की फेडरल पुलिस तुरंत हरकत में आई और ब्रासीलिया स्थित उनके आवास पर पहुंची। पुलिस ने बोलसोनारो का मोबाइल फोन जब्त कर लिया है और अब वे अपने घर में ही नजरबंद रहेंगे। उन्हें बिना अनुमति कहीं आने-जाने की इजाजत नहीं होगी।
इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर से रखी जाएगी निगरानी
कोर्ट ने बोलसोनारो को इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर पहनने का आदेश भी दिया है ताकि उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। सिर्फ बोलसोनारो ही नहीं, बल्कि उनके 33 सहयोगियों पर भी जांच चल रही है। इन पर लोकतंत्र को कमज़ोर करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं।
अमेरिका ने जताई आपत्ति
इस पूरे घटनाक्रम पर अमेरिका की भी पैनी नजर बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस फैसले की खुले तौर पर आलोचना की है। इस मामले ने ब्राजील की आंतरिक राजनीति और अमेरिका-ब्राजील संबंधों को एक नई चुनौती दे दी है।

