Jammu Disaster: जम्मू में भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान

Chandan Das
Jammu

Jammu Disaster: जम्मू-कश्मीर के जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की आपदा ने जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार हो रही बारिश से नदियाँ उफान पर हैं और निचले इलाकों में पानी भर गया है। सड़कें और पुल बह जाने से संपर्क टूट गया है। प्रशासनिक और राहत कार्यों में कठिनाई का सामना किया जा रहा है।

वैष्णो देवी मार्ग पर भीषण हादसा, 32 लोगों की मौत

माता वैष्णो देवी मंदिर मार्ग पर भूस्खलन से भारी जनहानि हुई है। इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। यह हादसा मंगलवार दोपहर बादल फटने की वजह से हुआ। भूस्खलन की चपेट में आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की मदद के लिए बचाव अभियान जारी है।

मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया

जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, जो कि कटरा के ककरियाल स्थित नारायणा अस्पताल में घायलों का हालचाल जानने गए थे, ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर डिजास्टर विभाग से 4 लाख रुपए और श्राइन बोर्ड की ओर से 5 लाख रुपए प्रति मृतक के परिवार को दिए जाएंगे। कुल मिलाकर हर मृतक परिवार को 9 लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।

सीएम उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री को दी जानकारी

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस आपदा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से बात की और उन्हें हालात से अवगत कराया। प्रधानमंत्री ने एनडीआरएफ टीम की तैनाती के लिए सहयोग का आश्वासन दिया और जम्मू-कश्मीर के लोगों को हरसंभव मदद देने का भरोसा जताया।मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बुधवार को बारिश के रुकने से राहत मिली है। मंगलवार की तुलना में आज निचले इलाकों में पानी कम हो रहा है, जिससे बचाव और राहत कार्यों में मदद मिली है। हालांकि खतरा पूरी तरह टला नहीं है, और प्रशासन सतर्क है।

2014 के अनुभव से सीखने की जरूरत

सीएम ने 2014 की बाढ़ के दौरान जम्मू शहर में तवी नदी पर बने चौथे पुल को हुए नुकसान का हवाला देते हुए कहा कि उसी स्थान पर पुनः नुकसान हुआ है। उन्होंने डिविजनल कमिश्नर को निर्देश दिया है कि इस मुद्दे की जांच कराई जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके।मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि भारी बारिश के दौरान नदी के किनारे बसे घर हमेशा खतरे में रहेंगे। उन्होंने कहा, “हमें इस खतरे को समझना होगा और ऐसे उपाय करने होंगे जिससे भविष्य में ऐसा दोबारा न हो।” प्रशासन इस दिशा में आवश्यक रणनीति तैयार कर रहा है।

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