Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर में हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन ने सड़क बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित करीब 12,000 किलोमीटर लंबी सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र सरकार से मदद मांगी है।
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उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक
जम्मू में उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में यह जानकारी दी गई। बैठक में तय हुआ कि प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) के उधमपुर-रामबन खंड को बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। इस हिस्से पर पुनर्निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है, और जल्द ही बहाली की उम्मीद जताई गई है। वहीं डोडा, किश्तवाड़, भद्रवाह, पुंछ और राजौरी के दूरदराज इलाकों में अब भी काम का इंतजार है।
लोक निर्माण विभाग ने पेश की रिपोर्ट
लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अनिल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश की कुल 42,000 किलोमीटर सड़क लंबाई में से लगभग 12,000 किलोमीटर सड़कें बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री को समग्र नुकसान की विस्तृत जानकारी दी।
एनएचएआई ने दिया मरम्मत कार्य का अपडेट
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने बताया कि उधमपुर-रामबन खंड पर मरम्मत का काम चल रहा है, जबकि धार-उधमपुर खंड पर मंगलवार से एकतरफा यातायात की अनुमति दी जाएगी। अधिकारियों ने यह भी बताया कि राजमार्ग पर बने 105 पुलों में से तीन पुल क्षतिग्रस्त हुए थे, जिन्हें अब बहाल कर दिया गया है।
सेरी-काठ पुल की गुणवत्ता पर उठे सवाल
कठुआ जिले में हाल ही में ढहे सेरी-काठ पुल को लेकर उपमुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने NHAI अधिकारियों से पूछा कि कुछ ही वर्ष पहले बने पुल के ढहने की जिम्मेदारी किसकी है। साथ ही, सभी पुलों का डिजाइन और संरचनात्मक ऑडिट कराने के निर्देश दिए।
बीआरओ ने दी बहाल सड़कों की जानकारी
बीआरओ अधिकारियों ने बताया कि राजौरी-थन्नामंडी, सुरनकोट रोड, रियासी-अरनास-माहोर, पौनी-सैर-राजौरी और अखनूर-पुंछ रोड बहाल कर दिए गए हैं। हालांकि, बुधल-माहोर-गुल रोड पर काम बाधित है, जिसे एक सप्ताह में पूरा कर दिया जाएगा।
दूरदराज सड़कों की अस्थायी बहाली
किश्तवाड़-चस्तोई, डोडा-किश्तवाड़ और किश्तवाड़-सिंतान मार्गों पर अस्थायी बहाली हो चुकी है। इंजीनियरों ने उपमुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि शेष हिस्सों पर युद्धस्तर पर काम जारी है।
सभी पुलों का सुरक्षा ऑडिट कराने के निर्देश
उपमुख्यमंत्री ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त सड़क और पुल अवसंरचना को देखते हुए NHAI अधिकारियों को सभी पुलों का वैज्ञानिक सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी इलाकों की पर्यावरणीय प्रकृति को ध्यान में रखते हुए कार्य करना जरूरी है। सुरेंद्र चौधरी ने जोर देकर कहा कि जीर्णोद्धार और निर्माण कार्य समयसीमा के भीतर पूरा होना चाहिए। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि जहां भी ठेकेदार या एजेंसियां लापरवाही बरतेंगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी, जिसमें ब्लैकलिस्ट करना भी शामिल है।

