Janmasthmi 2025: भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में शुक्रवार से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव 2025 का भव्य आयोजन शुरू हो गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा आयोजित सांस्कृतिक शोभायात्रा ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। शोभायात्रा में ब्रज संस्कृति की अद्भुत, अलौकिक और अकल्पनीय छटा देखने को मिली। रासलीला, मयूर नृत्य, ढोल-नगाड़ों और बांसुरी की मधुर धुन ने देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।
शोभायात्रा की शुरुआत श्रीकृष्ण जन्मस्थान से हुई और यह पोतरा कुंड, गोविंद नगर, डीग गेट होते हुए, जन्मस्थान पर समाप्त हुई। इस दौरान विभिन्न टोलियों ने लोकनृत्य, संकीर्तन और राजस्थानी गुजरियाँ प्रस्तुत करके दर्शकों का मन मोह लिया। बहरूपिए और बीन की मधुर आवाज ने भी उत्सव में चार चाँद लगा दिए।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति

जन्मोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। उन्होंने सुबह 11:30 बजे मथुरा आगमन किया और 12 बजे भगवान कन्हैया के जन्मोत्सव में भाग लिया। पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री पांचजन्य प्रेक्षागृह में साधु-संतों का सम्मान करेंगे और कई योजनाओं का लोकार्पण करेंगे। इसके मद्देनज़र शुक्रवार को दिनभर अधिकारी तैयारियों में लगे रहे।
लोक कलाकारों और अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
शोभायात्रा के शुभारंभ समारोह में गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने ढोल बजाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। जिलाधिकारी सीपी सिंह, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह और श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने भी ढोल बजाकर लोक कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
शोभायात्रा में स्थानीय लोगों ने जगह-जगह कलाकारों का स्वागत किया। कई टोली संकीर्तन करते हुए चल रही थी, तो कहीं राजस्थानी नृत्य और मयूर नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। बांसुरी की मधुर धुन और ढोल-नगाड़ों की आवाज ने श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
मथुरा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
शोभायात्रा और जन्मोत्सव के अवसर पर मथुरा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचे। वे श्रीकृष्ण जन्मस्थान की भव्य तैयारी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लेने के लिए उत्सुक नजर आए। इस अवसर पर मथुरा-वृंदावन विकास प्राधिकरण और ब्रज तीर्थ विकास परिषद के कई वरिष्ठ अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ और समाजसेवी भी उपस्थित रहे।

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