Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर पूजा के 6 शुभ मुहूर्त, जानें कब होगा कान्हा का जन्म

इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं रात 12 बजे कान्हा के जन्म का उत्सव मनाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व

Nivedita Kasaudhan
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Janmashtami 2025: हर साल भक्तगण भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यह पर्व अधर्म पर धर्म की विजय और प्रेम व भक्ति का प्रतीक माना जाता है। इस दिन भक्त व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं रात 12 बजे कान्हा के जन्म का उत्सव मनाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व आज यानी 16 अगस्त को धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है, ऐसे में हम आपको पूजा के शुभ मुहूर्त व इस दिन से जुड़ी अहम जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

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जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त

Janmashtami
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हिंदू पंचांग के अनुसार जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण की पूजा रात में करने का विधान होता है, लेकिन दिन में अगर कोई भक्त पूजा करना चाहते हैं तो उनके लिए कई शुभ मुहूर्त हैं। जिसमें पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 40 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इसके बाद दोपहर 2 बजकर 8 मिनट से 3 बजकर 45 मिनट तक अगला मुहूर्त रहेगा। दोपहर 3 बजकर 45 मिनट से शाम 5 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। अगला मुहूर्त शाम 7 बजे से रात 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा रात 9 बजकर 45 मिनट से 11 बजकर 5 मिनट तक अगला मुहूर्त है।

भगवान कृष्ण की पूजा का रात्रि मुहूर्त

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, इसलिए जन्माष्टमी पर रात में कान्हा का जन्मोत्सव विशेष रूप से मनाया जाता है। इसके लिए शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 45 मिनट से शुरू होगा जो 12 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। बता दें कि वृंदावन, मथुरा, उज्जैन आदि में इसी समय मुख्य रूप से कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

कृष्ण जन्माष्टमी के नियम

आपको बता दें कि जन्माष्टमी के दिन भक्त सूर्योदय से लेकर रात 12 बजे तक व्रत जरूर करें। कई लोग फलाहार व्रत करते हैं, जबकि कुछ भक्त निर्जला व्रत भी रख सकते हैं। इसके अलावा पूजा स्थल पर भगवान की प्रतिमा स्थापित करें और झूले आदि को फूलों से सजाएं। इसके बाद रात 12 बजे जन्मोत्सव के समय कान्हा को पंचामृत से स्नान कराकर उनकी विधिवत पूजा करें।

janmashtami 2025
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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