Jhansi Medical College fire: एक और नवजात की मौत, उपचार के दौरान तोड़ा दम…मृतकों की संख्या 11 पहुंची

अस्पताल प्रशासन की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसा शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ। शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी चिंगारी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक पहुंची, जिससे आग बेकाबू हो गई।

Akanksha Dikshit
Jhansi Medical College fire incident

Jhansi Medical College fire: झांसी मेडिकल कॉलेज के नवजात गहन चिकित्सा कक्ष (SNCU) में हुए भीषण अग्निकांड का दर्द और भी गहरा गया है। रविवार को इलाज के दौरान एक और नवजात ने दम तोड़ दिया, जिससे इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 11 हो गई है। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने इस दुखद घटना की पुष्टि की। शुक्रवार रात हुए इस दर्दनाक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया है।

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शॉर्ट सर्किट बना हादसे की वजह

अस्पताल प्रशासन की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि हादसा शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ। शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी चिंगारी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तक पहुंची, जिससे आग बेकाबू हो गई। हालांकि, प्रशासन यह स्पष्ट करने में असमर्थ है कि शॉर्ट सर्किट कैसे हुआ। सीएफओ राजकिशोर राय ने बताया कि अत्यधिक विद्युत लोड के कारण यह हादसा हुआ, लेकिन अन्य पहलुओं की जांच भी की जा रही है।

वार्ड में क्षमता से तीन गुना अधिक नवजात थे भर्ती

एसएनसीयू में भर्ती नवजात शिशुओं की संख्या तय क्षमता से तीन गुना अधिक थी। जानकारों के अनुसार, वार्ड में नवजातों के इलाज के लिए जरूरी उपकरण जैसे वार्मर और मॉनिटरिंग मशीनें लगातार चलती रहती थीं, जिससे विद्युत लोड बहुत अधिक बढ़ गया था। लोड कम करने के लिए उपकरणों को समय-समय पर बंद करना जरूरी होता है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण ऐसा नहीं किया गया। यही कारण है कि उपकरण अत्यधिक गर्म हो गए और आग लग गई।

तेजी से फैल गई आग, दो ब्लॉकों को लिया चपेट में

आग लगने के बाद ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से ऑक्सीजन का रिसाव शुरू हो गया, जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। देखते ही देखते आग ने दोनों ब्लॉकों को अपनी चपेट में ले लिया। पहले ब्लॉक से नवजातों को बचा लिया गया, लेकिन दूसरे ब्लॉक में भर्ती बच्चे बाहर नहीं निकाले जा सके। हादसे के समय एसएनसीयू में 49 नवजात भर्ती थे, जिनमें से 39 को बचा लिया गया था।

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चश्मदीद के बयान ने खड़े किए सवाल

इस हादसे के एक चश्मदीद ने पुलिस को बयान दिया कि ऑक्सीजन पाइप को पिघलाने के लिए कंसंट्रेटर को बंद किए बिना गर्म किया गया, जिससे ऑक्सीजन का रिसाव हुआ और आग फैल गई। हालांकि, पुलिस इस बयान को पूरी तरह विश्वसनीय नहीं मान रही है। फिर भी, यह बयान प्रशासन की लापरवाही को लेकर सवाल खड़े करता है।

सदमे में है मृत शिशुओं के परिजन

मृतकों के परिजन इस हादसे से सदमे में हैं। वे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर कड़ा विरोध जता रहे हैं। परिजनों ने सवाल उठाया है कि इतनी गंभीर जगह पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं थे। इस घटना ने न केवल प्रशासन बल्कि अस्पताल की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज जैसे बड़े संस्थान में सुरक्षा उपायों की कमी ने कई मासूम जिंदगियां छीन लीं। प्रशासन के सामने अब चुनौती है कि दोषियों को जल्द से जल्द चिन्हित कर कार्रवाई की जाए।

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