Jhansi Medical College Fire Tragedy: यूपी के झांसी (Jhansi) के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एसएनसीयू) में शुक्रवार रात लगी आग में 10 नवजातों की जान चली गई. जिस किसी को इस खबर की भनक लगी ..सभी की रुह कांप उठी. अपनी बच्चों को तलाश में माता-पिता इधर-उधर भटकते रहे…लेकिन खुद को समझाना उनके लिए काफी मुश्किल हो रहा था कि उनका बच्चा अब इस दुनिया में नहीं रहा. जिन 10 बच्चों की मौत हुई है उनकी पहचान हो चुकी है.
10 बच्चों में से 7 की हुई पहचान

इस भीषण अग्निकांड में झुलसे 10 बच्चों में से 7 की पहचान हो चुकी है. इनमें झांसी के चार, ललितपुर के तीन, हमीरपुर के दो और जालौन का एक बच्चा शामिल है. हादसे में छह नवजात अभी भी लापता हैं. मेडिकल कॉलेज में 16 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिनमें चार की हालत गंभीर बताई जा रही है. एक बच्चे को छुट्टी दे दी गई है, जबकि झांसी के अन्य अस्पतालों में 22 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिनमें आठ बच्चे गंभीर स्थिति में हैं। एसएनसीयू में कुल 55 बच्चे भर्ती थे.
घटना का कारण और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
आपको बता दे कि, शुक्रवार रात करीब पौने ग्यारह बजे शार्ट सर्किट की वजह से ऑक्सीजन कंसनट्रेटर में आग लग गई, जिसके बाद पूरे वार्ड में अफरातफरी मच गई. शनिवार सुबह उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों की हर संभव मदद के निर्देश दिए. साथ ही, उन्होंने घटना की त्रिस्तरीय जांच के आदेश दिए. तीन अलग-अलग टीमें – स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और फायर ब्रिगेड तथा मजिस्ट्रेट की जांच टीम – आग लगने के कारणों की जांच करेंगी. रिपोर्ट सात दिनों में सौंपी जाएगी, और लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
पीड़ित परिवारों का दर्द

अग्निकांड में ललितपुर की पूजा, संजना और भगवती के एक-एक बेटे की मौत हो गई. हमीरपुर की नजमा की जुड़वा बेटियों और झांसी की पूनम की बेटी तथा संध्या के बेटे ने भी दम तोड़ दिया. झांसी (Jhansi) के एरच की संध्या कंचन, बंगरा की कविता, राजगढ़ की नैंसी, ललितपुर की संजना, जालौन की संतोषी और हमीरपुर की सुखवती के नवजात शिशुओं का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है.
हेल्पलाइन नंबर जारी
जिला प्रशासन ने नवजातों के बारे में जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 6389831357 जारी किया है. राज्य और केंद्र सरकार ने मृतकों के परिजनों को सात-सात लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है.
डीएनए जांच से पहचान सुनिश्चित होगी

जिन नवजात शिशुओं की पहचान नहीं हो पा रही है, उनकी डीएनए जांच कराई जाएगी. इसके बाद ही उन्हें उनके माता-पिता को सौंपा जाएगा. फिलहाल एसएनसीयू में 49 नवजात भर्ती थे. मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है और ड्यूटी पर तैनात नौ डॉक्टरों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ के बयान दर्ज कर लिए हैं. रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर पर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, प्रशासन ने परिजनों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है और भरोसा दिलाया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.