Jharkhand Politics: झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल मची है। हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के बीजेपी के साथ जाने की अटकलों के बीच पार्टी ने स्पष्ट बयान जारी किया है। JMM के ऑफिशियल हैंडल पर लिखा गया, “झारखंड झुकेगा नहीं।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य की राजनीतिक गलियों में यह चर्चा थी कि आने वाले दिनों में झारखंड की सत्ता के समीकरण में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। विश्लेषकों का कहना है कि यह केवल बयान नहीं बल्कि पार्टी की स्थिति और उसके आंतरिक मतभेदों का संकेत भी है। हाल ही में बिहार चुनाव में महागठबंधन की ओर से सीट न मिलने के बाद हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी में अंदरूनी मतभेद सामने आए हैं। इस संदर्भ में JMM का यह बयान अपने विधायकों और समर्थकों को आश्वस्त करने की रणनीति भी माना जा रहा है।
कांग्रेस और बीजेपी की प्रतिक्रिया

राज्य में सत्ता समीकरणों में संभावित बदलाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने इस मामले पर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने विधायकों का ख्याल रखे, क्योंकि उनके कई विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी के प्रतुल सहदेव ने सभी अटकलों को निराधार करार दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में किसी भी कीमत पर JMM के साथ गठबंधन नहीं होगा। उनका कहना था कि “हम दो समुंदरों जैसे हैं, जो कभी एक साथ नहीं दिख सकते।” इस बयान के बाद साफ हो गया कि बीजेपी और JMM का राजनीतिक गठबंधन फिलहाल असंभव है।
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राजनीतिक विश्लेषण
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि JMM का बयान केवल पार्टी की स्थिति को मजबूत करने और अटकलों को नियंत्रित करने की रणनीति है। राज्य में सत्ता की जद्दोजहद लगातार जारी है और ऐसे बयान विधायकों और जनता को यह संदेश देने के लिए दिए जाते हैं कि पार्टी अपने निर्णयों में स्थिर है।
साथ ही, बिहार चुनाव में महागठबंधन से मिली सीटों की स्थिति और उसके प्रभाव ने झारखंड की राजनीति को और पेचीदा बना दिया है। JMM का यह बयान राज्य में राजनीतिक स्थिरता और अपने समर्थकों की आशंकाओं को दूर करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

