Jitiya Vrat 2025: जितिया व्रत हर साल आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को विधि-विधान के साथ जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। पूजा के दौरान महिलाएं व्रत कथा सुनती हैं और अगले दिन सुबह शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करती हैं। यह व्रत मुख्य रूप से अपने बच्चों की लंबी उम्र और कल्याण के लिए किया जाता है।
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जितिया व्रत के पारण का समय
आपको बता दे कि, जितिया व्रत का पारण 2025 में 15 सितंबर को सुबह 6.10 बजे से 8.32 बजे तक किया जाएगा। इस दौरान महिलाएं सूर्योदय के बाद व्रत खोलकर पारण करती हैं। पारण का समय अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दौरान किए गए धार्मिक कार्य विशेष फलदायी माने जाते हैं।
जितिया व्रत के पारण में क्या-क्या खाया जाता है?
व्रत खोलने के समय महिलाएं विशेष व्यंजन ग्रहण करती हैं। पारण में आमतौर पर निम्नलिखित भोजन शामिल होता है:
- नोनी का साग
- अरबी
- तुरई
- देसी मटर
- रागी की रोटियाँ
इन व्यंजनों का सेवन पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार व्रत खोलते समय किया जाता है।
सूर्य को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है पारण
बताते चले कि, जितिया व्रत का पारण सूर्योदय के बाद किया जाता है। सबसे पहले महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद झींगा मछली, मडुआ की रोटी, रागी की रोटी, तोरई की सब्जी, चावल और नोनी का साग खाकर व्रत खोलती हैं। व्रत की पूजा में बच्चे को पहनाने वाली करधनी चढ़ाई जाती है, जिसे पारण वाले दिन व्रत पूर्ण होने पर बच्चे को पहनाया जाता है।
दान और पुण्य कार्य पर विशेष ध्यान
जितिया व्रत पूर्ण होने के बाद, धार्मिक आस्था के अनुसार जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करना चाहिए। यह परंपरा व्रत के पुण्य को बढ़ाने और समाज में सहयोग और भाईचारा बढ़ाने के लिए मानी जाती है।
Diclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। Prime TV इस बात की सत्यता की पुष्टि नहीं करता।
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