Asaram Bapu: जोधपुर हाईकोर्ट से आसाराम बापू के मामले में बड़ा फैसला आया है। अदालत ने उन्हें स्वास्थ्य कारणों के आधार पर नियमित जमानत प्रदान की है। कोर्ट ने माना कि उनकी चिकित्सा स्थिति गंभीर है, इसलिए इलाज के लिए जेल से बाहर रहना आवश्यक है। यह राहत आसाराम के लिए छह महीने तक लागू रहेगी।
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की बेंच में हुई सुनवाई
बताते चले कि, मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजेव प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच में हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने निर्णय दिया कि आसाराम को इलाज के लिए जेल से बाहर रहने की अनुमति दी जाए। अदालत ने कहा कि स्वास्थ्य और मानवीय आधार पर यह राहत उचित है।
12 साल से जेल में हैं आसाराम
आपको बता दे कि, यौन उत्पीड़न के आरोप में दोषी करार दिए गए आसाराम पिछले 12 वर्षों से जेल में हैं। हाल ही में उन्हें राजस्थान हाईकोर्ट से छह माह की अंतरिम जमानत मिली थी, जिसके बाद अब उन्हें नियमित जमानत भी मंजूर हो गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत और अधिवक्ता यशपाल सिंह राजपुरोहित ने आसाराम की ओर से दलीलें पेश करते हुए कहा कि जेल में रहते हुए उचित इलाज संभव नहीं है।
अदालत ने आदेश में क्या कहा ?
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आसाराम की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए जेल कस्टडी में इलाज संभव नहीं है। ऐसे में उन्हें अस्थायी रूप से बाहर रहने की अनुमति दी जाती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जमानत मिलने से उनके उपचार में बाधा नहीं आएगी और वे उचित चिकित्सा ले सकेंगे।
कोर्ट के इस फैसले के बाद आसाराम के समर्थकों में उत्साह का माहौल है। जोधपुर और अहमदाबाद आश्रमों में समर्थकों ने निर्णय का स्वागत किया। वहीं, सूत्रों के मुताबिक, अदालत का विस्तृत आदेश जल्द जारी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि आसाराम लंबे समय से कई बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्होंने इसी आधार पर जमानत की मांग की थी।
