John Bolton FBI Raid: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन के मैरीलैंड स्थित घर पर आज FBI ने छापा मारा है। अधिकारियों के अनुसार यह कार्रवाई अदालत की अनुमति से हुई है और इसका संबंध राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी जांच से है। जांच का केंद्र कथित क्लासीफाइड यानी गोपनीय दस्तावेज हैं, जो बोल्टन के पास होने का संदेह है।
जॉन बोल्टन ने पहले ट्रंप प्रशासन की भारत के खिलाफ टैरिफ पॉलिसी का खुलकर विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि ट्रंप को भारत के साथ रिश्तों को संभालने और सुधारने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पर रूसी तेल खरीदने के लिए टैरिफ लगाना, जबकि चीन पर नहीं लगाना, भारत को रूस और चीन के और करीब ला रहा है।
तेज हुई ट्रंप के भारत विरोधी रुख के कारण
यह जांच 2020 में बोल्टन की विवादित आत्मकथा ‘The Room Where It Happened’ के प्रकाशन के बाद शुरू हुई थी। लेकिन जॉन बोल्टन के ट्रंप की भारत विरोधी टैरिफ नीति पर सार्वजनिक आलोचना करने के बाद जांच में तेजी आई। अधिकारियों ने बताया कि यह छापेमारी इसी संदर्भ में की गई है। एफबीआई निदेशक काश पटेल ने इस छापेमारी की पुष्टि करते हुए कहा, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। एजेंट मिशन पर हैं और कानून का पालन सुनिश्चित कर रहे हैं।” यह स्पष्ट संदेश है कि कानून के तहत सभी को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
क्लासीफाइड डॉक्यूमेंट की जांच ट्रंप से बिडेन तक जारी
खबरों के मुताबिक, यह जांच क्लासीफाइड दस्तावेजों से जुड़ी है, जो डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के दौरान शुरू हुई थी। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के कार्यकाल में इस पर रोक लगाई गई थी, लेकिन अब पुनः इस मामले में कार्रवाई हो रही है। जॉन बोल्टन ने एक पोस्ट में लिखा कि जब ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ लगाया, लेकिन चीन पर नहीं लगाया, तो इसका नतीजा यह हुआ कि भारत रूस और चीन के साथ और घनिष्ठ होता गया। उन्होंने कहा कि यह टैरिफ पॉलिसी एक बड़ी भूल थी, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
भारत ने किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं किया – बोल्टन
बोल्टन ने स्पष्ट किया कि भारत ने रूस से तेल खरीदने और उसे रिफाइन कर विदेशी बाजार में बेचने के मामले में किसी भी प्रतिबंध या बैन का उल्लंघन नहीं किया है। यदि ट्रंप प्रशासन को इस बात की कोई आपत्ति थी, तो उस पर चर्चा होनी चाहिए थी। जॉन बोल्टन के घर छापेमारी और उनकी ट्रंप प्रशासन की भारत विरोधी टैरिफ नीति पर आलोचना ने इस मामले को नया राजनीतिक और कूटनीतिक आयाम दिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े क्लासीफाइड दस्तावेजों की जांच और इस मामले में आगे की कार्रवाई अमेरिकी राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई है।
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