Justice Yashwant Varma :इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए केंद्र सभी विपक्षी दलों से सहयोग मांग रहा है। केंद्र ने विपक्ष से संपर्क करना शुरू कर दिया है, ताकि जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सर्वसम्मति से पारित किया जा सके।
जस्टिस वर्मा को हटाने की कोशिश
दरअसल, केंद्र काफी समय से जस्टिस वर्मा को हटाने की कोशिश कर रहा है। कॉलेजियम सिस्टम के जरिए केंद्र लंबे समय से न्यायपालिका को हाशिए पर रख रहा है। मोदी सरकार इस मौके का फायदा उठाकर कॉलेजियम सिस्टम की खामियों को उजागर करने की कोशिश करेगी। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कुछ दिन पहले कहा था कि सरकार जस्टिस वर्मा को हटाने के लिए सभी दलों से एक संयुक्त प्रस्ताव लाना चाहती है। इसके लिए वह सभी दलों के नेताओं से बात कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस विपक्ष से मदद मांग रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि राज्यसभा या लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पर मतदान की जरूरत ही न पड़े। सुनने में आ रहा है कि केंद्र ने उन सभी दलों से संपर्क किया है, जिनके राज्यसभा और लोकसभा में सदस्य हैं।
इन-हाउस कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक
जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से नकदी बरामदगी मामले में सुप्रीम कोर्ट की इन-हाउस कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है। एक अखिल भारतीय मीडिया आउटलेट का दावा है कि कमेटी को जस्टिस वर्मा के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि कमेटी उन सबूतों के आधार पर जस्टिस वर्मा को हटाने की सिफारिश करने जा रही है। गौरतलब है कि आजाद भारत में इससे पहले किसी भी हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जज पर महाभियोग नहीं लगाया गया है। हालांकि, इससे पहले पांच जजों के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू की गई थी। इनमें से किसी को भी हटाया नहीं गया। अगर जस्टिस वर्मा को हटाया जाता है तो वह महाभियोग का सामना करने वाले पहले जज होंगे।
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