Justin Trudeau Resign: पीएम जस्टिन ट्रूडो से सांसदों ने की इस्तीफे की मांग, इस दिन तक दिया अल्टीमेटम

कनाडा के प्रधानमंत्री Justin Trudeau की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है, इस बीच अब उनकी अपनी पार्टी के तथा कुछ अन्य सांसदों ने आधिकारिक तौर पर उनका इस्तीफा मांगने की योजना बनाई है।

Mona Jha
Justin Trudeau Resign
Justin Trudeau Resign

Justin Trudeau Resign: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की राजनीतिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। उनकी पार्टी के भीतर ही उनके खिलाफ विरोध के स्वर तेज हो गए हैं, जिससे उनकी कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है। 23 अक्टूबर को कनाडा में लिबरल पार्टी के सांसदों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री ट्रूडो (Justin Trudeau)के नेतृत्व पर गंभीर सवाल उठाए गए। इस बैठक में कई सांसदों ने ट्रूडो (Justin Trudeau)से लिबरल नेता के पद से इस्तीफा देने की मांग की।

Read more:Road Accident: उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भीषण सड़क हादसे, 8 लोगों की मौत

पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ा

बैठक के दौरान लिबरल पार्टी के 24 सांसदों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें ट्रूडो से इस्तीफे (Justin Trudeau Resign) की मांग की गई। यह बैठक साप्ताहिक कॉकस मीटिंग का हिस्सा थी, जिसमें असंतुष्ट सांसदों ने ट्रूडो के खिलाफ अपनी शिकायतें खुलकर सामने रखीं। बैठक बंद कमरे में हुई, लेकिन सांसदों की नाराजगी ने साफ कर दिया कि पार्टी के भीतर असंतोष तेजी से बढ़ रहा है। सांसदों ने अपनी चिंताओं और निराशाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि अगर ट्रूडो लिबरल नेता के रूप में बने रहते हैं, तो पार्टी का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।

Read more:Rajasthan By-Election: कांग्रेस ने 7 और BJP ने 6 प्रत्याशियों का किया ऐलान, लिस्ट में नई और जानी-पहचानी हस्तियां शामिल

ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव

लिबरल पार्टी के भीतर हो रहे इस विद्रोह के पीछे कई कारण हैं। सांसदों का मानना है कि ट्रूडो के नेतृत्व में पार्टी चुनावी चुनौतियों का सामना नहीं कर पाएगी और अगले चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ेगा। उनका कहना है कि ट्रूडो का नाम अब जनता में उतनी लोकप्रियता नहीं रखता, और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने से पार्टी को नुकसान हो सकता है। सांसदों ने स्पष्ट किया कि अगर ट्रूडो ने जल्द ही इस्तीफा नहीं दिया, तो पार्टी का भविष्य अंधकारमय हो सकता है।

Read more:Rajasthan By-Election: कांग्रेस ने 7 और BJP ने 6 प्रत्याशियों का किया ऐलान, लिस्ट में नई और जानी-पहचानी हस्तियां शामिल

भारत के खिलाफ ट्रूडो की नीति से पार्टी में असंतोष

पिछले कुछ महीनों में, ट्रूडो भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए बयानबाजी कर रहे हैं, खासकर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर। ट्रूडो ने हत्या का आरोप भारत पर लगाया, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई। इस कड़ी बयानबाजी ने उनकी घरेलू राजनीति में भी उन्हें घेरने का मौका दिया है। पार्टी के कई सांसदों का मानना है कि भारत के खिलाफ ट्रूडो का यह अभियान न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कनाडा की छवि को धूमिल कर रहा है, बल्कि घरेलू स्तर पर भी पार्टी की स्थिति कमजोर कर रहा है।

Read more:UP में निषाद पार्टी के साथ BJP ने कर दिया खेला! घोषित किए 7 उम्मीदवारों के नाम…किसे कहां से दिया मौका?

ट्रूडो की कुर्सी पर संकट

जस्टिन ट्रूडो, जो कई वर्षों से कनाडा की सत्ता में हैं, अब अपने ही दल के सांसदों से घिरे हुए हैं। उनकी खुद की पार्टी में विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई है, जहां सांसद उन्हें पीएम पद से हटाने की मांग कर रहे हैं। इस विद्रोह के पीछे यह धारणा है कि ट्रूडो के नेतृत्व में लिबरल पार्टी अगला चुनाव हार सकती है।

Read more:Maharashtra चुनाव को लेकर दिल्ली पहुंचे दोनों डिप्टी CM,गृह मंत्री अमित शाह से सीटों को लेकर चर्चा

8 नवंबर तक का अल्टीमेटम

सांसदों ने ट्रूडो को 8 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें उनसे इस्तीफा देने की मांग की गई है। अगर ट्रूडो इस मांग को स्वीकार नहीं करते हैं, तो पार्टी में अंदरूनी विद्रोह और भी तेज हो सकता है। ट्रूडो के सामने अब यह चुनौती है कि वे अपने नेतृत्व को कैसे बनाए रखते हैं और पार्टी के भीतर इस असंतोष को कैसे शांत करते हैं।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version