Jyeshtha Amavasya 2025: सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को खास बताया गया है जो कि पितरों को समर्पित है इस दिन व्यक्ति अपने पितरों को याद कर उनका श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करता है। माना जाता है कि अमावस्या के दिन पूर्वजों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और जीवन में खुशहाली आती है। पंचांग के अनुसार अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को ज्येष्ठ अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है।
इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ और तप जप का विधान होता है। यह तिथि पितृदोष से मुक्ति के लिए भी खास मानी जाती है। इस बार ज्येष्ठ अमावस्या कल यानी 27 मई को मनाई जाएगी। इस दिन कुछ ऐसे काम हैं जिन्हें भूलकर भी नहीं करना चाहिए वरना पूर्वज नाराज़ हो सकते हैं, तो हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।
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ज्येष्ठ अमावस्या की तारीख और मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि का आरंभ 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से हो रहा है। वही इस तिथि का समापन 27 मई को सुबह 8 बजकर 31 मिनट पर हो जाएगा। ऐसे में ज्येष्ठ अमावस्या 27 मई को मनाई जाएगी।
भूलकर भी न करें ये गलतियां
क्रोधित करना है वर्जित
अमावस्या तिथि के दिन भूलकर भी वाद विवाद या झगड़ा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से पूर्वज नाराज़ होते हैं इसके अलावा इस दिन क्रोध करने से भी बचना चाहिए।
खरीदारी
ज्येष्ठ अमावस्या पर भूलकर भी नए वस्त्र, गहनें आदि की खरीदारी न करें माना जाता है कि ऐसा करने से पितृ देव नाराज़ हो सकते हैं और व्यक्ति को जीवनभर संकट का सामना करना पड़ सकता है।
तामसिक चीजों का प्रयोग
भूलकर भी अमावस्या के दिन तामसिक चीजों जैसे मांस, मदिरा लहसुन प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक प्रभाव जीवन पर देखने को मिलता है जिससे आर्थिक संकट व दरिद्रता बनी रहती है।
अपमान
इस दिन गलती से भी किसी का अपमान नहीं करना चाहिए खासकर पितरों का अपमान भूलकर भी न करें। इस दिन उन्हें बुरा भला कहने से भी बचें वरना जीवनभर दुखों का सामना आपको करना पड़ सकता है।
जीव जन्तुओं को परेशान
अमावस्या तिथि पर भूलकर भी किसी को परेशान या सताना नहीं चाहिए माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वज नाराज़ हो जाते हैं और जीवनभर कष्ट उठाना पड़ सकता है।
जरूर करें यह काम
पिंडदान
अमावस्या तिथि पर पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान जरूर करना चाहिए माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और पितृदोष भी दूर हो जाता है।
पवित्र नदी में स्नान
ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो आप घर में ही गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें और पितरों का ध्यान करें। ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होकर कृपा करते हैं।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

