Jyeshtha Amavasya 2025: कब है ज्येष्ठ अमावस्या? देखें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

अमावस्या तिथि पूर्वजों को समर्पित होती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत का विधान होता है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन स्नान दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।

Nivedita Kasaudhan
Ashadha Amavasya 2025
Ashadha Amavasya 2025

Jyeshtha Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को बेहद ही खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। अमावस्या तिथि पूर्वजों को समर्पित होती है इस दिन पूजा पाठ और व्रत का विधान होता है। मान्यता है कि अमावस्या के दिन स्नान दान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।

ज्येष्ठ अमावस्या पर वट सावित्री व्रत भी रखा जा रहा है और इसी दिन शनि जयंती भी मनाई जा रही है। तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा ज्येष्ठ अमावस्या की तारीख और इससे जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

Jyeshtha Amavasya 2025
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कब है ज्येष्ठ अमावस्या ?

हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या इस बार 26 मई को दोपहर 12 बजकर 12 मिनट से आरंभ हो रही है और 27 मई को सुबह 8 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ज्येष्ठ अमावस्या 26 मई को ही मान्य होगी। अमावस्या तिथि पर सोमवार पड़ने के कारण ही इसे सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है। 26 मई को शनि जयंती और वट सावित्री का भी व्रत मनाया जाएगा।

अमावस्या तिथि 27 मई को समाप्त हो रही है ऐसे में इसे भौमवती अमावस्या भी मनाया जा रहा है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान और ध्यान करने का विशेष महत्व होता है मान्यता है कि इस दिन दान पुण्य करने से जीवन के दुखों का निवारण हो जाता है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

अमावस्या के आसान उपाय

धन लाभ

ज्येष्ठ अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के बाद एक सुपारनी को एक सिक्के के साथ कलावे में बांधकर पीपल के पेड़ के नीचे रख आएं। अब उसी पीपल के पेड़ का एक पत्ता तोड़कर घर आ जाएं। इस पत्ते को गंगाजल से शुद्ध कर अपनी तिजोरी में माता लक्ष्मी की तस्वीर के सामने रख दें। ऐसा करने से धन लाभ की प्राप्ति होती है।

Jyeshtha Amavasya 2025
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रोगों से मुक्ति

अगर कोई लंबे वक्त से बीमार चल रहा है तो ऐसे में अमावस्या की शाम उसके पहने हुए वस्त्रों को एक धागा निकालकर थोड़ी सी रूई में मिलाकर बाती बनाएं। फिर नजदीक के किसी हनुमान मंदिर में जाकर मिट्टी के दीपक में इस बाती के साथ दीपक जलाएं। अब हनुमान चालीसा का पाठ करें और रोगी के ठीक होने के लिए भगवान से प्रार्थना जरूर करें। माना जाता है कि इस उपाय को लगातार सात मंगलवार और शनिवार तक करने से रोगों से मुक्ति मिलती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

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