Jyeshtha Maas Upay: सनातन धर्म में वैसे तो हर महीने को महत्वपूर्ण बताया गया है, लेकिन ज्येष्ठ माह बेहद ही खास माना गया है। जो कि भगवान सूर्यदेव और श्री हरि विष्णु को समर्पित महीना है। इस महीने भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं, इसके अलावा ज्येष्ठ माह में जल का दान करना पुण्यदायी होता है। माना जाता है कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्रापित होती है।
इस बार ज्येष्ठ माह की शुरुआत 13 मई से हो चुकी है, ज्येष्ठ माह में पूजा पाठ के अलावा ही अगर कुछ विशेष कार्यों को किया जाए तो पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का समाधान हो जाता है, तो हम आपको उन्हीं के बारे में बता रहे हैं।

ज्येष्ठ माह में जरूर करें यह काम
जल का दान
ज्येष्ठ माह में धूप अधिक होती है ऐसे में इस पूरे महीने अगर जल का दान किया जाए तो पुण्य फलों की प्राप्ति होती है इस महीने जल व शरबत का दान भी आप कर सकते हैं। राहगीरों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। शास्त्रों में जल दान का महादान बताया गया है।
पशु पक्षियों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था
इस पवित्र मास में अगर पशु पक्षियों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था की जाए तो इसे पुण्यदायी माना जाता है। मान्यता है कि पक्षियों के लिए दाना पानी रखने से कई ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं और जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है।
वृक्ष लगाएं और कुंए खुदवाएं
ज्येष्ठ के महीने में पेड़ पौधे लगाना और कुंए खुदवाना, जलाशय बनवाना बेहद ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसका पुण्य कभी क्षीण नहीं होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
पूजा पाठ
इस पवित्र मास में पीपल, वट, तुलसी की पूजा को खास माना गया है। मान्यता है कि इन वृक्षों की सेवा करने से लाभ की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन पीपल और वट वृक्ष की पूजा करने से भगवान ब्रह्मा, विष्णु, महेश और शनि की असीम कृपा बरसती है।

दान पुण्य
ज्येष्ठ माह में गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, जल, वस्त्र, धन आदि का दान जरूर करें माना जाता है कि ऐसा करने से कष्टों का निवारण होता है और धन समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।