Jyeshtha Purnima 2025: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना गया है। जो कि हर माह में एक बार पड़ती है, यह तिथि स्नान दान व पूजा पाठ के लिए उत्तम मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।
पंचांग के अनुसार अभी ज्येष्ठ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और महापुण्य की प्राप्ति होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा का भी विशेष विधान होता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने से धन संकट दूर हो जाता है और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है, ऐसे में हम आपको ज्येष्ठ पूर्णिमा की तारीख और स्नान दान का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं।

ज्येष्ठ पूर्णिमा की तारीख
आपको बता दें कि इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा 10 जून दिन मंगलवार को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना होता है। इसके अलावा इस दिन तीन शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है। ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन सिद्ध योग, रवि योग और साध्य योग निर्मित हो रहे हैं।
पूर्णिमा तिथि पर सिद्ध योग सुबह से लेकर दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। उसके उपरांत साध्य योग दिनभर बना रहेगा। अनुराधा नक्षत्र सुबह से लेकर शाम 6 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। इसके बाद से ज्येष्ठ नक्षत्र है। इस दिन स्नान दान करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन किए जाने वाले व्रत, पूजा और दान का फल कई गुना अधिक मिलता है। आपको बता दें कि ज्येष्ठ पूर्णिमा का स्नान और दान 11 जून दिन बुधवार को करना होता रहेगा।
स्नान दान का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि 10 जून को सुबह 11 बजकर 35 मिनट से लग रही है जो कि 11 जून दोपहर 1 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में स्नान दान का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 2 मिनट से सुबह 4 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
भगवान सत्यनारायण की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 52 मिनट से दोपहर 2 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा वट सावित्री पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 8 बजकर 52 मिनट से दोपहर 2 बजकर 5 मिनट तक रहेगा।

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