Kajri Teej 2025: Kajri Teej हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को यह पर्व मनाया जाता है। इसे बूढ़ी तीज, सतवा तीज आदि कई नामों से भी जाना जाता है। इस दिन कुंवारी लड़कियां मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं पति की लंबी उम्र व सुखी वैवाहिक जीवन के लिए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
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कजरी तीज की तारीख

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 11 अगस्त 2025, सोमवार सुबह 11:34 बजे शुरू होगी और 12 अगस्त 2025, मंगलवार सुबह 08:41 बजे समाप्त होगी। चूंकि तृतीया तिथि का सूर्योदय 12 अगस्त को हो रहा है, इसलिए Kajri Teej का व्रत 12 अगस्त, मंगलवार यानी आज रखा जा रहा है।
कजरी तीज 2025 पूजा मुहूर्त
सुबह 09:18 से 10:55 तक
सुबह 10:55 से दोपहर 12:31 तक
दोपहर 12:06 से 12:57 तक
दोपहर 12:31 से 02:08 तक
दोपहर 03:44 से शाम 05:21 तक
कजरी तीज पूजा विधि
12 अगस्त की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें।
शुभ मुहूर्त में लकड़ी की चौकी पर शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
कुमकुम से तिलक लगाएं और फूलों की माला अर्पित करें।
शुद्ध घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव को धतूरा, बिल्व पत्र, भांग, फल, फूल, चावल, रोली, अबीर आदि अर्पित करें।
देवी पार्वती को लाल चुनरी, चूड़ी, सिंदूर, मेहंदी और अन्य सुहाग सामग्री चढ़ाएं।
पूजा के बाद कजरी तीज व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
अंत में आरती करें और दिनभर व्रत रखें।
इस व्रत के पुण्य प्रभाव से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा वर मिलता है और विवाहित महिलाओं के वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

