Kal Ka Mausam: उत्तर भारत में शीतलहर का असर, बारिश और ओलावृष्टि का जारी हुआ अलर्ट

30 जनवरी तक शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है। इसके बाद तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में शीतलहर का असर जारी रह सकता है।

Shilpi Jaiswal
Kal Ka Mausam
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देश के उत्तर भारत में इन दिनों मौसम के तेवर काफी सख्त हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों के लिए उत्तर भारत के कई हिस्सों में शीतलहर, बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। इन मौसमीय बदलावों से आम जनता के साथ-साथ किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

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उत्तर भारत में शीतलहर का असर

भारत के उत्तरी राज्यों में इस समय कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में शीतलहर का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, अगले 48 घंटों में इन राज्यों में तापमान में और गिरावट हो सकती है। शीतलहर के कारण ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे लोगों को ठंड का अधिक एहसास हो रहा है।मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में दिन के तापमान में गिरावट आ सकती है, जबकि रात का तापमान और भी ठंडा हो सकता है। इससे दिन और रात के बीच का तापमान का अंतर बढ़ जाएगा, जो सर्दी को और तीव्र बना सकता है।

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बारिश और ओलावृष्टि का अलर्ट

उत्तर भारत के कई हिस्सों में अगले कुछ दिनों में बारिश और ओलावृष्टि का भी अनुमान है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मध्य और उत्तर भारत में 27 जनवरी से 29 जनवरी तक बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई जा रही है।यह पश्चिमी विक्षोभ पश्चिम से आ रहा है, जिसकी वजह से इन इलाकों में मौसम में अचानक बदलाव देखा जाएगा। मौसम के इस बदलाव से किसानों को फसलों का नुकसान हो सकता है, क्योंकि ओलावृष्टि से उनकी खड़ी फसलें प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा, बारिश से सड़कें गीली हो सकती हैं, जिससे यातायात में भी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

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आगे का मौसम

मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि… 30 जनवरी तक शीतलहर की स्थिति बनी रह सकती है। इसके बाद तापमान में हल्की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में शीतलहर का असर जारी रह सकता है। जनवरी का अंतिम सप्ताह इस वर्ष का सबसे सर्द सप्ताह हो सकता है, जिस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है।

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