1 जनवरी 2025 को दिल्ली-एनसीआर में शीतलहर का जोरदार असर देखने को मिला, जिससे ठंड और सर्दी में और भी बढ़ोतरी हुई। पूरे उत्तर भारत में शीतलहर के कारण दिनभर तापमान में गिरावट दर्ज की गई, और गुनगुनी धूप भी ठंड को कम करने में नाकाम रही। दिल्ली में तापमान 4°C तक गिर गया था, और इस कारण सर्दी की तीव्रता बढ़ गई। लोग ठंड से बचने के लिए अलाव का सहारा लेते हुए दिखाई दिए।

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क्या है शीतलहर का कारण?
शीतलहर की स्थिति को लेकर मौसम विभाग का कहना है कि इस समय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) और उत्तर-पश्चिमी हवाओं का प्रभाव उत्तर भारत में देखने को मिल रहा है। इन हवाओं के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है, जिससे दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में तापमान में गिरावट आई है। पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड जैसे राज्यों में भी ठंड का असर बढ़ा है, जो सीधे तौर पर दिल्ली-एनसीआर में शीतलहर का कारण बन रहा है।
दिल्ली और एनसीआर में शीतलहर का प्रभाव

दिल्ली में 1 जनवरी को दिनभर घना कोहरा छाया रहा, और सूर्योदय के समय दृश्यता भी बहुत कम रही। यह कोहरा शीतलहर के कारण और भी गहरा हो गया, जिससे सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया।दिल्ली-एनसीआर के लोगों ने शीतलहर से बचने के लिए अलाव, हीटर, और गर्म कपड़ों का सहारा लिया। खासकर सुबह और रात के समय सर्दी का असर अधिक महसूस हुआ।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर भारत में शीतलहर का असर अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा। पहाड़ों पर बर्फबारी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं का प्रभाव इस ठंड को और बढ़ा सकता है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में दिन और रात के तापमान में गिरावट की संभावना है।
अगले 48 घंटों में होगा मौसम में बदलाव

दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में तापमान और अधिक गिर सकता है, जिससे शीतलहर और ठंड का असर बढ़ेगा।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तराखंड में भी शीतलहर का प्रभाव रहेगा।
हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में बर्फबारी का सिलसिला जारी रहेगा, और इन क्षेत्रों में तापमान में और गिरावट का अनुमान है।
सावधानी बरतें
यात्रियों को अलर्ट: शीतलहर और कोहरे के कारण सड़क पर दृश्यता कम हो सकती है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है। यात्रा से पहले मौसम की ताजा जानकारी लें।
स्वास्थ्य पर असर: ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और अलाव का सहारा लें। पुराने लोग और बच्चे विशेष रूप से सर्दी से प्रभावित हो सकते हैं।
कृषि क्षेत्र: किसान अपनी फसल की सुरक्षा के लिए अलाव का इस्तेमाल कर सकते हैं और अन्य जरूरी कदम उठा सकते हैं।

