Kanpur Bus Fire: कानपुर में चलती डबल-डेकर बस में लगी भीषण आग, मची अफरातफरी

"चलती बस से कूदे यात्री..." कानपुर में दिल्ली-वाराणसी स्लीपर बस कैसे बनी आग का गोला? 40 यात्रियों ने अचानक क्या देखा कि उन्हें चलती बस से कूदना पड़ा? जानिए बस में आग लगने के पीछे का कारण और बस चालक की सूझबूझ जिसने इतने लोगों की जान बचाई.

Chandan Das
Kanpur Bus Fire
Kanpur Bus Fire

Kanpur Bus Fire: कानपुर के रामादेवी चौराहे के पास नेशनल हाईवे-19 पर शुक्रवार देर रात एक बड़ा हादसा हो गया। दिल्ली से वाराणसी जा रही पलक ट्रैवल्स की लग्जरी डबल-डेकर स्लीपर बस में अचानक आग भड़क उठी। घटना के समय बस में 30–40 यात्री मौजूद थे, जिनमें से कई सो रहे थे और कुछ आराम कर रहे थे। जैसे ही ऊपरी डेक पर रखे सामान से धुआं उठता दिखा, ड्राइवर और कंडक्टर ने यात्रियों को सावधान किया, लेकिन तब तक आग विकराल रूप ले चुकी थी।

Kanpur Bus Fire: चलती बस से छलांग लगाकर यात्रियों ने बचाई जान

खुशकिस्मती यह रही कि आग सबसे पहले बस की छत पर रखे भारी सामान में लगी। इससे यात्रियों को कुछ पल मिले और कई लोगों ने तुरंत खिड़कियों और दरवाजों से कूदकर अपनी जान बचाई। कुछ यात्री सड़क पर गिरकर दूर तक लुढ़कते चले गए, लेकिन सुरक्षित बच निकले। वहीं ऊपरी बर्थ में फंसे यात्री धुएं और लपटों के कारण आवाज़ें लगाने लगे।रामादेवी चौराहे पर मौजूद पुलिसकर्मियों की नज़र जब जलती बस पर पड़ी, तो वे बिना देर किए दौड़ पड़े। पुलिस जवानों ने बस के अंदर घुसकर चीखते-चिल्लाते यात्रियों को बाहर निकालना शुरू किया। आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को पुलिस ने अपनी गोद में उठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने भी मदद की और पानी की बोतलें फेंककर आग को कम करने का प्रयास किया।

Kanpur Bus Fire: ओवरलोडेड बस को लेकर यात्रियों में आक्रोश

घटना के बाद यात्रियों ने बस स्टाफ पर भारी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि बस की छत पर जरूरत से कई गुना ज्यादा सामान लादा गया था, जिसमें प्लास्टिक के बोरे, लोहे के बॉक्स और अन्य ज्वलनशील सामग्री शामिल थी। एक यात्री ने बताया कि उसने रात 2 बजे ही इस पर आपत्ति जताई थी कि अधिक सामान खतरनाक साबित हो सकता है, लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी। कई यात्रियों के पैसे, कपड़े और दस्तावेज आग में जलकर राख हो गए।

मिर्जापुर जा रही एक महिला ने बताया कि लड्डू गोपाल की मूर्ति, लैपटॉप और करीब 40 हजार के कपड़े-गहने सब राख हो चुके हैं।घटना की सूचना मिलते ही CFO दीपक शर्मा ने फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियों को मौके पर भेजा। हाईवे पर जाम होने के कारण दमकल वाहनों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। करीब एक घंटे की कोशिश के बाद आग पर नियंत्रण पाया गया, लेकिन तब तक बस का केवल ढांचा ही बचा था। आग लगने से हाईवे पर करीब दो घंटे तक ट्रैफिक बाधित रहा।

शॉर्ट सर्किट और ओवरलोडिंग मुख्य कारण

पुलिस टीम के अनुसार प्रारंभिक जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट प्रतीत होती है, लेकिन बस में रखे खतरनाक सामान और अत्यधिक ओवरलोडिंग ने आग को तेजी से फैलाया। छत पर रखा सामान पूरी तरह ज्वलनशील था, जिसके कारण बस कुछ ही मिनटों में आग की चपेट में आ गई।इस हादसे ने ट्रैवल बसों की ओवरलोडिंग और नियमों की अनदेखी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और जानकारों का कहना है कि कानपुर में कई ट्रैवल एजेंसियां बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी व नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कारोबार करती हैं। इसके बावजूद RTO, GST विभाग और पुलिस की ओर से कार्रवाई न होने को लेकर लोगों में गहरा आक्रोश है। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकारी तब तक कार्रवाई नहीं करते जब तक किसी बड़ी दुर्घटना जैसी त्रासदी न हो जाए।

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