Kantara Chapter 1 Film Review: दर्शकों के लंबे इंतजार के बाद ऋषभ शेट्टी की जानी-मानी फिल्म ‘कांतारा चैप्टर 1’ आखिरकार सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। ये फिल्म 2022 में आई ब्लॉकबस्टर ‘कांतारा’ का प्रीक्वल है। दशहरे के शुभ अवसर पर रिलीज हुई यह फिल्म सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि संस्कृति, इतिहास और गहराई से जुड़ी भारतीय आस्थाओं का भी गवाह बनती है।
फिल्म की कहानी जानिए…
फिल्म का निर्माण हॉम्बले फिल्म्स ने किया है, जिन्होंने इस बार भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। मेकर्स ने ‘कांतारा चैप्टर 1’ के लिए नेशनल और इंटरनेशनल एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर एक भव्य वॉर सीक्वेंस तैयार किया है। इस दृश्य को 25 एकड़ में फैले एक विशेष शहर में, कठिन भू-भाग पर 45 से 50 दिनों तक शूट किया गया। इसमें 500 से अधिक फाइटर्स और करीब 3,000 लोगों ने भाग लिया, जो इसे भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े एक्शन दृश्यों में से एक बनाता है।
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जड़ों से जुड़ा सिनेमा…

आपको बता दें कि, यह फिल्म कन्नड़, हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बंगाली और अंग्रेज़ी जैसी सात भाषाओं में रिलीज की गई है, जिससे यह पूरे देश और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों तक पहुँचने की क्षमता रखती है। यह अपने सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हुए भी विविध दर्शकों को जोड़ने में सफल होती है।
2000 साल पीछे…
‘कांतारा चैप्टर 1’ की कहानी वहीं से शुरू होती है जहाँ पहली फिल्म खत्म हुई थी, लेकिन इस बार दर्शकों को करीब 2000 साल पुराने कदंब वंश के काल में ले जाया गया है। फिल्म में लोककथाओं, परंपराओं, और प्रकृति के साथ मानवीय संबंधों को एक रहस्यमयी अंदाज में पेश किया गया है। ऋषभ शेट्टी ने खुद इस प्रोजेक्ट पर गहरा शोध किया है और इसे सभ्यताओं के उदय और संघर्ष की कहानी के रूप में प्रस्तुत किया है।
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ऋषभ शेट्टी की मजबूत पकड़ और नई स्टारकास्ट
फिल्म के लेखक, निर्देशक और लीड एक्टर के रूप में ऋषभ शेट्टी एक बार फिर विश्वसनीयता और गहराई लेकर आते हैं। उनके साथ इस बार रूक्मिणी वसंत, जयराम, गुलशन देवैया जैसे अनुभवी कलाकार हैं, जो फिल्म को नया जीवन देते हैं। फिल्म में एक साधारण ग्रामीण लोककथा से लेकर ऐतिहासिक महाकाव्य की यात्रा दिखाई गई है, जो एक साहसी लेकिन दर्शनीय प्रयास है।
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सांस्कृतिक प्रथाओं का गहन चित्रण
फिल्म में कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों और कोडागु के लोगों की सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक मान्यताओं को गहराई से दर्शाया गया है। अजनीश लोकनाथ का संगीत और ऋषभ शेट्टी की दृश्य भाषा और कहानी कहने की शैली दर्शकों को एक पवित्र और रहस्यमयी वातावरण में ले जाती है।

