Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा में देशभक्ति की मिसाल..’ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से शहीदों को श्रद्धांजलि”

Mona Jha
Kanwar Yatra 2025
Kanwar Yatra 2025

Kanwar Yatra 2025:सावन के पवित्र महीने में उत्तर भारत में कांवड़ यात्रा का जोश और आस्था देखने लायक होती है। इस बार, हरिद्वार से दिल्ली के लिए निकले छह युवाओं का कांवड़ ग्रुप, जिसे उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” नाम दिया है, न केवल धार्मिक श्रद्धा का परिचायक है, बल्कि देशभक्ति और शहादत की प्रेरणा भी बना है। यह युवा समूह पहलगाम के आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों की याद में गंगाजल लेकर निकला है और अपनी यात्रा को एक नई पहचान दी है।

Read more :NEET UG 2025: नीट यूजी स्टेट कोटा काउंसिलिंग शेड्यूल जारी, पहला राउंड 30 जुलाई से शुरू, यहां ये करें चेक…

कांवड़ यात्रा का अनोखा स्वरूप

इस खास यात्रा की खासियत यह है कि कांवड़ पर गंगाजल के साथ भारतीय सेना, वायुसेना और बीएसएफ के प्रतीक चित्र सजाए गए हैं। कांवड़ की एक ओर वायुसेना के जवान और दूसरी ओर बीएसएफ के जवान की प्रतिमूर्ति हैं, जो सेना की वर्दी में सजी हुई हैं और उनके साथ फहरा रहा तिरंगा एक साफ संदेश देता है: “आर्मी हमें बचाती है, तो हम उनके लिए कुछ कर सकते हैं।” इस प्रकार कांवड़ केवल जल का वाहक नहीं, बल्कि श्रद्धा, सम्मान और देशभक्ति का प्रतीक बन गया है।

Read more :16 Somvaar Vrat Niyam: सावन में कर रहे हैं सोलह सोमवार व्रत की शुरुआत? तो जानें जरूरी नियम और विधि

सेना के लिए सम्मान और समर्पण

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कांवड़िये इस यात्रा के माध्यम से समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि जैसे हमारी सेना दिन-रात हमारी सुरक्षा करती है, हमें भी उनके प्रति अपनी श्रद्धा और समर्थन व्यक्त करना चाहिए। एक अनुभवी कांवड़िए ने बताया कि पिछले 14 वर्षों से वे कांवड़ लेकर आते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने इसे सेना के सम्मान के लिए समर्पित किया है। उनका मानना है कि यह छोटा सा प्रयास सैनिकों के लिए सम्मान प्रकट करने का तरीका है।

Read more :RattanIndia Power Share Price:रतनइंडिया पावर शेयर में हलचल.. जानें शेयर का प्रदर्शन और विशेषज्ञों की राय

शहादत की याद में श्रद्धांजलि

यात्रा के एक अन्य सदस्य, अजय, ने कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा शहीद हुए जवानों की याद में यह कांवड़ यात्रा निकाली गई है। यह यात्रा सैनिकों के प्रति समाज की कृतज्ञता और समर्पण की भावना को प्रदर्शित करती है। उनका मानना है कि जैसे सैनिक हमारे देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, वैसे ही हमें भी उनके लिए कुछ कर गुजरना चाहिए।

Read more :Aankhon Ki Gustakhiyan Collection: विक्रांत मैसी और शनाया कपूर की ‘आंखों की गुस्ताखियां’ बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप

धार्मिक आस्था और राष्ट्रभक्ति का संगम

हरिद्वार से दिल्ली तक की यह यात्रा केवल धार्मिक कांवड़ यात्रा नहीं, बल्कि देशभक्ति की एक मिसाल भी बन चुकी है। इस पहल ने न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि दी है, बल्कि सेना के प्रति सम्मान और समर्थन की नई सोच को जन्म दिया है। सावन के पावन महीने में इस प्रकार की पहल समाज में एकजुटता और देशभक्ति की भावना को मजबूत करने का काम करती है।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version