Muzaffarnagar News: कांवड़ यात्रा (kanwar yatra 2025) की तैयारियों के बीच उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। स्वामी यशवीर जी महाराज द्वारा संचालित ‘पहचान अभियान’ के तहत, कांवड़ मार्ग पर स्थित एक ढाबे की पहचान को लेकर भारी हंगामा मच गया। यह घटना शनिवार, 28 जून को दिल्ली–देहरादून नेशनल हाईवे-58 पर ‘पंडित जी वैष्णो ढाबा’ पर सामने आई।
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आधार कार्ड मांगने पर मचा हंगामा
हिंदू संगठन की एक टीम जब ढाबे पर पहुँची तो उन्होंने वहाँ काम कर रहे कर्मचारियों से आधार कार्ड दिखाने की मांग की। कर्मचारियों द्वारा कार्ड न दिखाने पर संदेह गहराया और टीम ने ढाबे पर लगे QR कोड को स्कैन किया। स्कैन के बाद जो जानकारी सामने आई, उसमें ढाबे के मालिक का नाम मुस्लिम समुदाय से जुड़ा बताया गया।
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कर्मचारियों से जबरन पहचान की कोशिश
टीम पर यह भी आरोप है कि उन्होंने एक होटल कर्मचारी को कमरे में ले जाकर जबरन उसकी पहचान सत्यापित करने का प्रयास किया। बताया जा रहा है कि उसकी पैंट उतारने की कोशिश भी की गई, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँची और किसी तरह मामला शांत कराया गया।
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स्वामी यशवीर का आरोप और चेतावनी
स्वामी यशवीर महाराज ने दावा किया है कि कांवड़ मार्ग पर लगभग 5000 स्वयंसेवकों की टीम लगाई गई है, जो ढाबों, होटलों और दुकानों पर जाकर मालिकों और कर्मचारियों की पहचान सुनिश्चित कर रही है। उनका आरोप है कि कुछ मुस्लिम व्यक्ति हिंदू देवी-देवताओं के नाम से प्रतिष्ठान चला रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं को भ्रमित किया जा रहा है।
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ढाबा नाम बदलने की चेतावनी
इस घटनाक्रम के बाद स्वामी यशवीर ने ढाबा मालिक को 24 घंटे के भीतर नाम बदलने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर मालिक ने नाम नहीं बदला तो रविवार सुबह 10 बजे से ढाबे के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
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बढ़ता तनाव और प्रशासन की जिम्मेदारी
यह मामला न सिर्फ धार्मिक भावना से जुड़ा है, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी प्रभावित कर सकता है। इस घटना ने प्रशासन की तैयारियों और संवेदनशील क्षेत्रों में सतर्कता की पोल खोल दी है। जहां एक ओर कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर है, वहीं दूसरी ओर ऐसे मामलों से तनाव और गहरा सकता है।