Kanwar Yatra 2025: सावन का पावन महीना चल रहा है और पूरे उत्तर भारत में कांवड़ यात्रा पूरे जोरों पर है। लाखों शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने शहरों की ओर पैदल यात्रा कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को मेरठ से मुजफ्फरनगर तक कांवड़ यात्रा रूट का हवाई निरीक्षण करेंगे। इस दौरान वे कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा भी करेंगे, जो एक प्रतीकात्मक परंपरा के रूप में देखा जाता है।
मुख्यमंत्री की ओर से की जाने वाली पुष्प वर्षा केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि यह सरकार की उस सोच को दर्शाती है जो कांवड़ियों की आस्था को प्राथमिकता देती है। योगी सरकार की यह पहल कांवड़ यात्रा को श्रद्धा और सुरक्षा के संतुलन के साथ जोड़ती है, और हर साल की तरह यह धार्मिक आयोजन सांस्कृतिक एकता का संदेश देता है।
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भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा बड़ी चुनौती
हर साल इस यात्रा में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिससे भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन, स्वास्थ्य सुविधाएं और सुरक्षा प्रमुख चिंता के विषय बन जाते हैं। योगी का यह हवाई निरीक्षण इन तमाम व्यवस्थाओं की समीक्षा और ज़रूरी निर्देश देने के उद्देश्य से किया जा रहा है, ताकि कोई भी कांवड़ यात्री असुविधा का सामना न करे।
अधिकारी मैदान में, सेवा और सतर्कता दोनों जारी
योगी सरकार के निर्देशों के बाद प्रदेश के कई इलाकों में अफसरों की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें वे कांवड़ियों को पानी पिलाते, स्वास्थ्य कैंपों का निरीक्षण करते और व्यवस्थाएं संभालते नजर आ रहे हैं। यात्रा मार्ग पर हेल्थ कैंप, विश्राम स्थल और पुलिस सहायता केंद्र सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
‘हिंदू नाम’ वाले ढाबों पर उठा विवाद का मुद्दा
कांवड़ यात्रा रूट पर कुछ ढाबों और होटलों में ‘हिंदू नामों’ की नेम प्लेट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि कुछ मुस्लिम कारोबारी हिंदू नामों से व्यापार कर रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि किसी को भी अपनी धार्मिक पहचान उजागर करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता।
कुछ जगहों पर बवाल
हाल के दिनों में कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ स्थानों पर उग्र प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। इस पर मीडिया के एक वर्ग ने कांवड़ियों को ‘अराजक’ कहा, जिस पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मुहर्रम के दौरान विवाद होता है तो वही मीडिया चुप क्यों हो जाता है? योगी ने स्पष्ट किया कि शिवभक्तों को ‘उत्पाती’ कहना अनुचित है और मीडिया को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा।
आस्था, व्यवस्था और राजनीति का संतुलन साधता यह आयोजन
कांवड़ यात्रा एक धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक संतुलन की परीक्षा भी बन चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हवाई सर्वेक्षण और पुष्पवर्षा, प्रशासन की सक्रियता और मीडिया की आलोचना, यह सब दर्शाता है कि यह यात्रा अब आस्था और व्यवस्था दोनों का प्रतीक बन चुकी है।
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