Kanwar Yatra 2025: कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा? जानें इससे जुड़े जरूरी नियम

पंचांग के अनुसार इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से आरंभ हो रही है, ऐसे में अगर आप कांवड़ यात्रा में शामिल होने का विचार बन

Nivedita Kasaudhan
Kanwar Yatra
Kanwar Yatra

Kanwar Yatra 2025: सनातन धर्म में कांवड़ यात्रा को महत्वपूर्ण बताया गया है, जो कि सावन महीने में पड़ती है यह यात्रा भगवान भोलेनाथ को समर्पित होती है, इस यात्रा से सुख समृद्धि और शांति का आशीर्वाद मिलता है।

पंचांग के अनुसार इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से आरंभ हो रही है, ऐसे में अगर आप कांवड़ यात्रा में शामिल होने का विचार बन रहे हैं तो हम आपको अपने इस लेख द्वारा कांवड़ यात्रा से जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

Read more: Yogini Ekadashi 2025: आज एकादशी पर जरूर करें तुलसी से जुड़ा काम, घर में सदा होगा धन लक्ष्मी का वास

कांवड़ यात्रा कब से हो रही शुरू?

Kanwar Yatra 2025
Kanwar Yatra 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार सावन महीने के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 11 जुलाई को देर रात 2 बजकर 6 मिनट से हो रहा है। वहीं इसका समापन अगले दिन यानी की 12 जुलाई को देर रात 2 बजकर 8 मिनट पर हो जाएगा। पंचांग के अनुसार इस साल सावन माह की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 9 अगस्त को हो जाएगा। इसके साथ ही कांवड़ यात्रा की शुरुआत भी सावन महीने के साथ यानी 11 जुलाई से हो जाएगी।

कांवड़ यात्रा से जुड़े नियम

तामसिक चीजों का सेवन

कांवड़ यात्रा के दौरान पूर्ण रूप से सात्विक रखना चाहिए। इस दौरान भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। चाहे कावड़िया हो या फिर उसके परिवार के लोग, किसी को भी इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।

पवित्रता का ध्यान

कांवड़ को हमेशा ही साफ और पवित्र जगह पर ही रखना चाहिए। इसके भूलकर भी जमीन पर नहीं रखना चाहिए। अगर आप किसी वजह से इसे नीचे रखना पड़े तो किसी साफ स्थान पर लकड़ी या कपड़े के ऊपर ही रख दें। कांवड़ को अपवित्र हाथों से नहीं छूना चाहिए।

ब्रह्मचर्य का पालन

कांवड़ यात्रा के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य माना जाता है ऐसे में इसका पालन जरूर करें।

मन को शांत रखें

अगर आप कांवड़ यात्रा में शामिल हो रहे हैं तो ऐसे में मन को शांत जरूर रखें। इस दौरान वाद विवाद या क्रोध करने से बचना चाहिए।

शिव का ध्यान

यात्रा के दौरान महादेव का ध्यान और उनका भजन करना जरूरी होता है।

Kanwar Yatra 2025
Kanwar Yatra 2025

Read more: Darsh Amavasya 2025: नाराज़ पितरों को प्रसन्न करना है तो दर्श अमावस्या पर ऐसे करें पूर्वजों का तर्पण

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version