Kanwar Yatra: सावन का पावन महीना शुरु हो चुका है. इस महीना भगवान शिव की अराधना का सबसे खास समय माना जाता है. उस दौरान उत्तर भारत में लाखों क्षद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड यात्रा पर निकलते है और शिवलिंग पर जल अर्पित करते है. इन यात्राओं में शामिल लोग भिन्न-भिन्न कारणों से भगवान शिव की भक्ति में लीन होते है. कोई तपस्या के लिए तो कई अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए लिए.
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प्रेमिका की सफलता के लिए कर रहा कठिन यात्रा
आपको बता दे कि, दिल्ली के नरेला इलाके के रहने वाले राहुल की कांवड़ यात्रा इस बार सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बनी हुई है. राहुल इस बार अपनी प्रेमिका की मनोकामना पूरी कराने के लिए भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गया है. वह चाहता है कि उसकी प्रेमिका एक दिन आईपीएस अधिकारी बने. इसी उद्देश्य से उसने हरिद्वार से 121 लीटर गंगाजल उठाया और लगभग 200 किलोमीटर लंबी पैदल यात्रा शुरू कर दी है.
प्रेम, आस्था और समर्पण की मिसाल
बताते चले कि यात्रा सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं है, बल्कि आस्था,प्रेम और समर्पण की अनूठी मिसाल हन गई है. जहां एक ओर लोग उसकी श्रद्धा और भक्ति को सराह रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उसके प्यार और उसके उद्देश्य को लेकर भी लोग भावुक हो रहे हैं. बड़ौत-मुजफ्फरनगर मार्ग पर पत्रकारों से बातचीत में राहुल ने बताया कि यह उसकी चौथी कांवड़ यात्रा है.
पिछले साल से भी बढ़ाई कठिनाई
राहुल ने बताया कि पिछली बार वह 101 लीटर गंगाजल लेकर कांवड़ यात्रा पर निकला था, लेकिन इस बार उसने 20 लीटर और अधिक जल उठाकर यात्रा को और भी चुनौतीपूर्ण बना दिया है. राहुल के मुताबिक, यह बढ़ा हुआ भार उसकी भक्ति और प्रेम की गहराई को दर्शाता है. वह चाहता है कि भगवान शिव उसकी प्रार्थना जरूर सुनें और उसकी प्रेमिका को वह मंज़िल मिले जिसकी वह हकदार है.
श्रद्धा और प्रेम की प्रेरक कहानी
सोशल मीडिया पर राहुल की यात्रा को लेकर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी भावनात्मक हैं. कई लोग राहुल के समर्पण की तारीफ कर रहे हैं और इसे सच्चे प्रेम की मिसाल बता रहे हैं. कुछ यूजर्स ने लिखा कि ऐसे प्रेम में भगवान भी आशीर्वाद देने को बाध्य हो जाते हैं। इस घटना ने सावन के महीने में एक नई श्रद्धा की कहानी जोड़ दी है.
राहुल की यह यात्रा न सिर्फ धार्मिक आस्था को दर्शाती है, बल्कि यह बताती है कि सच्चा प्रेम सिर्फ पाने की चाह नहीं रखता, बल्कि उसमें समर्पण, संघर्ष और बलिदान भी शामिल होता है. सावन के इस पावन महीने में राहुल की यह अनोखी कांवड़ यात्रा लाखों युवाओं को प्रेम और भक्ति का एक नया संदेश दे रही है.
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