Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस के मौके पर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सेना की रणनीतिक तैयारियों और हालिया घटनाक्रमों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 7 से 9 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से की गई हरकतों का भारतीय सेना ने सटीक और नपा-तुला जवाब दिया। इस दौरान Army Air Defence ने एक अजेय रक्षा कवच का निर्माण किया, जिसे कोई ड्रोन या मिसाइल भेद नहीं सका।
Whole-of-Nation अप्रोच से मिली बड़ी सफलता
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि यह सफलता Whole-of-Nation Approach का नतीजा है, जिसमें सेना, वायुसेना, नौसेना समेत कई सरकारी एजेंसियों ने मिलकर काम किया। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी शक्ति भारत की संप्रभुता, अखंडता या नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगी, उसे अब पहले से कहीं सख्त और निर्णायक जवाब दिया जाएगा।
‘रुद्र’ ब्रिगेड और ‘भैरव’ कमांडो बटालियन से सेना होगी और ताकतवर
सेना प्रमुख ने बताया कि सेना को आधुनिक और लचीला बनाने के तहत ‘रुद्र’ के रूप में All Arms Brigades का गठन किया जा रहा है। इनमें Infantry, Mechanised Infantry, Armoured Units, Artillery, Special Forces और Drones जैसे सभी प्रमुख लड़ाकू घटक शामिल होंगे। इनके साथ ही लॉजिस्टिक्स और कॉम्बैट सपोर्ट सिस्टम को भी अपग्रेड किया जा रहा है।
ड्रोन प्लाटून और ‘दिव्यास्त्र बैटरियां’ से बढ़ी मारक क्षमता
अब हर Infantry Battalion में Drone Platoons तैनात की जा रही हैं। Artillery को और मजबूत करने के लिए ‘दिव्यास्त्र बैटरियां’ और Loiter Munition Batteries को शामिल किया गया है। साथ ही, Army Air Defence को अब स्वदेशी मिसाइल सिस्टम्स से भी सुसज्जित किया जा रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर: पराक्रम से दिया कायरता का जवाब
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि हाल ही में चले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के ढांचे को ध्वस्त किया। उन्होंने कहा, “हमने शांति का विकल्प दिया, लेकिन जब कायरता दिखाई गई तो उसका उत्तर पराक्रम से दिया। ऑपरेशन सिंदूर भारत का संकल्प, संदेश और उत्तर है।”
लद्दाख में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास
लद्दाख क्षेत्र में Dual-Use Infrastructure के तहत सड़कें, पुल और नेटवर्क का निर्माण किया जा रहा है, जिससे सेना के साथ-साथ स्थानीय नागरिकों को भी सुविधा मिल रही है। इसके अलावा, Vibrant Village Programme के तहत चयनित गांवों में प्राथमिकता से विकास कार्य किए जा रहे हैं।
बॉर्डर टूरिज्म और स्मार्ट बॉर्डर की ओर सेना का कदम
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया कि Border Tourism को बढ़ावा देने के लिए सेना Battlefield, Spiritual, Ecological, Heritage और Adventure Tourism क्षेत्रों में काम कर रही है। स्थानीय युवाओं को टूर गाइड, माउंटेनियरिंग और एडवेंचर स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। वहीं Smart Borders के तहत सेना दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क पहुंचाने के लिए अपने Communication Towers का उपयोग कर रही है।