Karnataka Politics: कर्नाटक में कांग्रेस के अंदर नेतृत्व को लेकर चल रही चर्चाएं अब खुलकर सामने आने लगी हैं। चन्नागिरी से कांग्रेस विधायक बसवराजू वी. शिवगंगा ने हाल ही में दावा किया कि दिसंबर के बाद डीके शिवकुमार राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे, जिससे सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई। इस बयान के बाद कांग्रेस आलाकमान ने सख्त रुख अपनाते हुए विधायक के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है।
अनुशासन समिति ने सात दिन में मांगा जवाब
कांग्रेस की अनुशासन समिति ने विधायक बसवराजू वी. शिवगंगा को नोटिस जारी कर सात दिनों के भीतर जवाब देने को कहा है। पार्टी का कहना है कि मीडिया में इस तरह के गैरजिम्मेदाराना बयान देने से कांग्रेस की छवि को नुकसान पहुंचा है और यह पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है। विधायक के इस बयान ने कांग्रेस नेतृत्व को असहज स्थिति में डाल दिया है।
डीके शिवकुमार ने भी जताई नाराज़गी
विधायक बसवराजू के बयान पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां अनुशासनहीनता हैं और विधायक को ऐसा नहीं करना चाहिए था। शिवकुमार, जो कि कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि पार्टी में कोई भी व्यक्ति सीएम पद या नेतृत्व परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं कर सकता।
मई 2023 से ही जारी है नेतृत्व को लेकर चर्चाएं
गौरतलब है कि मई 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच दावेदारी को लेकर लंबी चर्चा चली थी। अंततः पार्टी आलाकमान ने सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया था। हालांकि, हाल के दिनों में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें फिर तेज हो गई थीं। इन्हीं अटकलों पर विराम लगाते हुए सिद्धारमैया ने साफ कहा था कि वह पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे।
कांग्रेस विधायक के बयान ने राज्य में राजनीतिक हलचल को और तेज कर दिया है। पार्टी फिलहाल स्थिति को संभालने की कोशिश में जुटी है ताकि अंदरूनी कलह सार्वजनिक विवाद में न बदले। कांग्रेस नेतृत्व अब स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि अनुशासन से कोई समझौता नहीं होगा।
Read More : BK Hariprasad के RSS को ‘तालिबान’ कहने पर भाजपा ने कसा तंज, कांग्रेस पर साधा निशाना