Karnataka CM Row: कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं के बीच कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी खींचतान एक बार फिर उभरकर सामने आई है। सत्तारूढ़ पार्टी के भीतर बढ़ते शक्ति संघर्ष को देखते हुए कांग्रेस हाईकमान सक्रिय हो गया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संकेत दिया है कि वह इस पूरे विवाद पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से चर्चा करेंगे और फिर समाधान की दिशा तय की जाएगी। इस बीच, मुख्यमंत्री पद के दावेदार और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार अपनी ओर से यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि पार्टी के भीतर किसी भी तरह का भ्रम नहीं है और कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है।
Karnataka CM Row: ‘सोनिया-राहुल से चर्चा के बाद होगा समाधान’
कर्नाटक में बदलाव की अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि वह केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करेंगे और उसके बाद इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। खरगे ने कहा, “सोनिया जी, राहुल जी से चर्चा करूंगा, फिर इस मामले का समाधान किया जाएगा।”कर्नाटक सरकार को बने 20 नवंबर को ढाई साल पूरे हो गए हैं, जिसके बाद यह चर्चा और तेज हो गई है कि 2023 में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता साझा करने का कथित समझौता था। इस समझौते के अनुसार आधे कार्यकाल के बाद नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है, जिसे लेकर अब पार्टी के भीतर हलचल बढ़ गई है।
Karnataka CM Row: डीके शिवकुमार का दावा
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच बड़ा बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस में किसी तरह का कोई ग्रुप या गुटबाजी नहीं है। उन्होंने कहा, “कोई कन्फ्यूजन नहीं है, किसी को कुछ मांगना नहीं चाहिए। कोई ग्रुप नहीं है, सिर्फ एक ग्रुप है—कांग्रेस ग्रुप। हमारा ग्रुप 140 विधायकों का है।”शिवकुमार के इस बयान को पार्टी के भीतर चल रही हलचल को शांत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने साफ कहा था कि वह पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे और आगे भी राज्य का बजट पेश करते रहेंगे।
दिल्ली से लौटे विधायकों की राय -‘आलाकमान करे जल्द निर्णय’
कई कांग्रेस विधायक जो दिल्ली में हाईकमान से मुलाकात कर लौटे हैं, उन्होंने कहा कि अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व ही लेगा। कुछ विधायकों ने कहा कि उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से अनुरोध किया है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही अनिश्चितता को जल्द खत्म किया जाए। वहीं, कुछ अन्य विधायकों की मांग है कि मंत्रिमंडल फेरबदल में नए चेहरों और युवाओं को अधिक अवसर दिया जाए।इससे पहले मंगलवार को डीके शिवकुमार ने कहा था कि वह इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से बोलना नहीं चाहते, क्योंकि यह पार्टी के भीतर चार-पांच लोगों के बीच का ‘गुप्त समझौता’ है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है और वही उन्हें रास्ता दिखाएगी।
अलाकमान से मुलाकात का दौर जारी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार के समर्थक छह विधायकों ने रविवार रात दिल्ली पहुंचकर आलाकमान से मुलाकात की। आने वाले दिनों में और विधायक दिल्ली का दौरा कर सकते हैं। पिछले हफ्ते भी करीब दस विधायकों ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से मुलाकात कर अपनी बात रखी थी।इन लगातार बैठकों और गतिविधियों ने साफ कर दिया है कि कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन का सवाल फिलहाल शांत नहीं हुआ है और आने वाले सप्ताह इस मामले में निर्णायक साबित हो सकते हैं।
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