Karnataka Politics: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने रविवार, 30 नवंबर को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ आंतरिक मतभेद की खबरों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने साफ किया कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच उन्होंने कभी किसी विधायक को दिल्ली नहीं ले जाकर प्रभावित करने की कोशिश नहीं की।
Karnataka Politics: ब्रेकफास्ट मीटिंग में जताई एकजुटता
शनिवार को सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार ने एक ब्रेकफास्ट मीटिंग की, जिसमें दोनों नेताओं ने एकजुटता दिखाई। बैठक के बाद दोनों ने साफ किया कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है और वे साथ मिलकर पार्टी और राज्य की राजनीति में काम कर रहे हैं।उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने मीडिया से कहा, “हमारे बीच कभी कोई मतभेद नहीं रहे। मैं जब भी दिल्ली गया, तो एक भी विधायक मेरे साथ नहीं गया। मैं चाहकर भी 10 से 12 विधायक ले जा सकता था, लेकिन इससे किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती। मुझे सबको साथ लेकर चलना है।”
Karnataka Politics: सभी विधायक मेरे प्रिय हैं: डीके शिवकुमार
शिवकुमार ने कहा कि कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते वे सभी पार्टी सदस्यों के लिए ‘पितातुल्य’ हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, “मेरे लिए सभी 140 विधायक समान रूप से प्रिय हैं। मैं कभी किसी के साथ भेदभाव नहीं करता और मेरे किसी से कोई मतभेद नहीं हैं।”मई 2018 से एक साल तक मुख्यमंत्री रहे एच.डी. कुमारस्वामी के कार्यकाल का जिक्र करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा, “मैंने कांग्रेस और जद(एस) की गठबंधन सरकार को बचाने की पूरी कोशिश की। यह बात मुझे और भगवान दोनों को पता है।” उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी और उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा भी इसे जानते हैं।
संतों का समर्थन और आरोपों का जवाब
कुमारस्वामी के उस आरोप के जवाब में कि शिवकुमार ने सत्ता के लिए धार्मिक नेताओं का समर्थन मांगा था, डीके ने कहा, “मैंने ऐसा कभी नहीं कहा। मैं सभी जातियों और समुदायों से समान प्यार करता हूं। कई संतों ने अपने मन से मेरे पक्ष में बात की। क्या मैंने उन्हें ऐसा कहने के लिए कहा? नहीं। यह उनका मुझ पर विश्वास और सम्मान है, जिसे मैं गलत नहीं कह सकता।”
पीठ पीछे वार नहीं करता
शिवकुमार ने कहा, “जो कहना है, कुमारस्वामी कह दें। मुझे इससे कोई ठेस नहीं पहुंचेगी। मैं कभी पीठ पीछे वार नहीं करता। मैं हमेशा सामने आकर मुद्दों का सामना करता हूं।”उपमुख्यमंत्री ने भाजपा द्वारा नेतृत्व विवाद को लेकर की जा रही आलोचना पर कहा, “भाजपा अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए कुछ भी कह सकती है। हमें इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है।”डीके शिवकुमार ने कहा कि एक दिसंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र के मद्देनजर, वे दिल्ली में किसानों के मुद्दों और मेकेदातु संतुलन जलाशय परियोजना सहित राज्य से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाना चाहते हैं।
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