Karnataka Politics: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मौजूदगी में उन पर निशाना साधा। डीके शिवकुमार ने कहा कि सोनिया गांधी ने 20 साल तक पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और अपनी शक्तियों को कुर्बान कर दिया। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जब तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सोनिया गांधी से प्रधानमंत्री बनने की बात की थी, तो उन्होंने इसे ठुकरा दिया। इसके बजाय, सोनिया गांधी ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने का सुझाव दिया, जो एक सक्षम अर्थशास्त्री थे और देश के विकास के लिए उपयुक्त थे। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में आज आशा कार्यकर्ताओं के लिए योजनाएं लागू की गई हैं, जो लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
Karnataka Politics: डीके शिवकुमार का बयान दिल्ली यात्रा से पहले
डीके शिवकुमार का यह बयान उस समय आया है जब वह शनिवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ कांग्रेस आलाकमान से मिलने दिल्ली जाने वाले हैं। दोनों नेता दिल्ली में कर्नाटक में पावर-शेयरिंग और पार्टी के अंदर चल रही दरार को खत्म करने के लिए बातचीत करेंगे। इस बैठक में कर्नाटक कांग्रेस के राजनीतिक भविष्य पर चर्चा होने की संभावना है, और यह स्पष्ट होगा कि पार्टी का नेतृत्व और सत्ता वितरण किस दिशा में आगे बढ़ेगा।
Karnataka Politics: सिद्धारमैया के साथ ब्रेकफास्ट मीटिंग का आयोजन
शनिवार की सुबह, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित होने जा रही है। यह मीटिंग सीएम के सरकारी आवास ‘कावेरी’ में सुबह 9:30 बजे होगी। यह बैठक राज्य सरकार के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए आयोजित की गई है, और यह भी संकेत देती है कि दिल्ली से दोनों नेताओं को इस बैठक के लिए निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस मीटिंग में कर्नाटक में सत्ता के बंटवारे और कर्नाटक कांग्रेस के भीतर बढ़ते मतभेदों को सुलझाने पर बात की जाएगी।
सीएम सिद्धारमैया के साथ मंच पर नजर आए डीके शिवकुमार
शुक्रवार को डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक ही मंच पर नजर आए। इस मौके पर शिवकुमार ने सरकार के लिए जनता से समर्थन की अपील की और सिद्धारमैया की नेतृत्व में सरकार के कार्यकाल को जारी रखने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य के नागरिकों के जीवन में सुधार लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। शिवकुमार ने इस दौरान सिद्धारमैया के नेतृत्व की सराहना की और सरकार के कार्यों को सफल बनाने के लिए सभी कांग्रेस नेताओं से एकता की अपील की। यह बयान कर्नाटक कांग्रेस के भीतर चल रहे नेतृत्व संघर्ष के बावजूद पार्टी में एकजुटता को दर्शाता है।
पावर-शेयरिंग विवाद पर डीके शिवकुमार की आलोचना
हालांकि, डीके शिवकुमार की बयानबाजी इस मामले में महत्वपूर्ण है क्योंकि वह लगातार सिद्धारमैया से नाराज नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि शिवकुमार मई 2023 में हुए एक समझौते के तहत राज्य में पार्टी के 2.5 साल पूरे होने के बाद पावर-शेयरिंग के वादे को पूरा न करने को लेकर सिद्धारमैया की अप्रत्यक्ष आलोचना कर रहे हैं। इस समझौते के मुताबिक, 2.5 साल बाद मुख्यमंत्री पद पर बदलाव होना था, लेकिन अब तक इस वादे को लागू नहीं किया गया है। दोनों नेताओं ने इस विवाद को हल करने की जिम्मेदारी पार्टी हाईकमान पर छोड़ दी है, लेकिन पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है।
कर्नाटक कांग्रेस में चल रहा नेतृत्व संकट
कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रहे विवाद के बीच यह स्थिति और भी पेचीदा हो गई है। शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों ने अलग-अलग बार अपने-अपने पक्ष में बयान दिए हैं, जिससे पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर मतभेद और अधिक गहरे हो गए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद इस विवाद को किस दिशा में सुलझाया जाता है और कर्नाटक कांग्रेस को फिर से एकजुट किया जा सकता है या नहीं।
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