Karnataka Vote Chori : कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस वोट चोरी के आरोपों को लेकर बड़ी जांच सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने वोटर लिस्ट में अनियमितताओं की जांच के दौरान पता लगाया है कि एक डेटा सेंटर ऑपरेटर ने प्रत्येक वोटर का नाम गलत तरीके से हटाने के लिए ₹80 प्राप्त किए।
SIT जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
जांच के अनुसार, दिसंबर 2022 से फरवरी 2023 के बीच आलंद विधानसभा क्षेत्र से कुल 6,018 आवेदन नाम हटाने के लिए जमा किए गए थे। इसका मतलब है कि कुल ₹4.8 लाख का भुगतान डेटा सेंटर ऑपरेटर को किया गया। SIT ने कलबुर्गी जिले के मुख्यालय में मौजूद एक डेटा सेंटर की भी पहचान की है, जहां से वोटर नाम हटाने के आवेदन भेजे गए।
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि इन 6,018 आवेदन में से केवल 24 ही सही थे, यानी जो वोटर अब आलंद में नहीं रहते थे। बाकी सभी नाम हटा दिए गए जो कि अनियमितता का प्रमाण है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 18 सितंबर को मुख्य चुनाव आयुक्त पर वोट चोरी करने और वोटर नाम हटाने का आरोप लगाया था। उन्होंने आलंद के उन वोटरों को भी जनता के सामने रखा था जिनके नाम हटाने की कोशिश हुई थी।
SIT की जांच और बड़ी कार्रवाई
CID की साइबर क्राइम यूनिट इस मामले की जांच कर रही थी, जिसे 26 सितंबर से SIT ने संभाला। पिछले सप्ताह SIT ने बीजेपी नेता सुभाष गुट्टेदार से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की। साल 2023 में सुभाष गुट्टेदार कांग्रेस के बी.आर. पाटिल से आलंद सीट हार गए थे।
SIT जांच के पांच मुख्य खुलासे:
फरवरी 2023 में स्थानीय पुलिस की जांच के दौरान वोटर नाम हटाने का मामला सामने आया। इसके बाद CID ने जांच शुरू की। मोहम्मद अशफाक नाम के स्थानीय निवासी को जांच में संदिग्ध पाया गया। अशफाक को पूछताछ के बाद जमानत मिली और वह दुबई चला गया।
इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल्स और अशफाक के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच से पता चला कि वह मोहम्मद अकराम और अन्य तीन सहयोगियों के साथ इंटरनेट कॉल के जरिए संपर्क में था। SIT ने उनके परिसरों की भी तलाशी ली।
जांच में यह भी पाया गया कि कलबुर्गी में संचालित डेटा सेंटर के जरिए वोटर सूची में छेड़छाड़ हो रही थी और प्रत्येक नाम हटाने पर ₹80 का भुगतान किया जा रहा था। यह डेटा सेंटर मोहम्मद अकराम और अशफाक द्वारा संचालित था।
SIT ने एक लैपटॉप भी बरामद किया, जिससे वोटर नाम हटाने के आवेदन भेजे गए। इसी आधार पर 17 अक्टूबर को बीजेपी नेता सुभाष गुट्टेदार, उनके पुत्र हर्षनंद और संतोष तथा चार्टर्ड अकाउंटेंट मल्लिकार्जुन महंतगोल के परिसरों पर छापेमारी की गई।
अब तक सात से अधिक लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि 75 मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल चुनाव आयोग के पास पंजीकरण कराने और आलंद की वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ करने के लिए किया गया, जिनके नाम पोल्ट्री फार्म मजदूरों से लेकर पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों तक दर्ज हैं।
सुभाष गुट्टेदार का सफाई बयान
बीजेपी के चार बार के विधायक सुभाष गुट्टेदार ने इस मामले में अपना नाम साफ किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें वोटर नाम हटाने में कोई भूमिका नहीं है। उनका आरोप है कि कांग्रेस के बी.आर. पाटिल, जो 2023 में इस सीट से जीते थे, ने राजनीतिक लाभ के लिए यह मामला बनाया है। गुट्टेदार का कहना है कि पाटिल मंत्री बनने की इच्छा रखते हैं और राहुल गांधी के प्रति अपनी निष्ठा दिखाने के लिए यह आरोप लगा रहे हैं।
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