Kartik Purnima 2024:क्यों मनाई जाती है कार्तिक पूर्णिमा, इस दिन दान करने से मिलेगा ये लाभ?

कार्तिक पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है, इसके अलावा गंगा स्नान और दान करने का भी विधान है।वहीं धार्मिक मान्यता है कि इन कार्यों को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी पापों का भी नाश होता है।

Mona Jha
क्या है कार्तिक पूर्णिमा मनाने की वजह
क्या है कार्तिक पूर्णिमा मनाने की वजह

Kartik Purnima 2024:2024 में कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा 15 नवंबर को भरणी नक्षत्र और वरीयान योग के संयोग में मनाई जाएगी। यह दिन विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। इस दिन श्रद्धालु गंगा स्नान करने, मंदिरों में पूजा अर्चना करने और घरों में भगवान सत्यनारायण की पूजा करने का महत्व मानते हैं। कार्तिक मास की पूर्णिमा का धार्मिक महत्त्व अत्यधिक होता है, और इसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा के दिन के रूप में जाना जाता है।

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कार्तिक पूर्णिमा को देव दीपावली भी कहते हैं

कार्तिक पूर्णिमा  (Kartik Purnima 2024) का पर्व धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली (Dev Deepawali 2024) भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन विशेष रूप से देवी-देवताओं का पृथ्वी पर आगमन होता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, जिसने तीनों लोकों में आतंक मचा रखा था।

इसके साथ ही, कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev)का जन्म भी हुआ था, जिसके कारण यह दिन गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) 2024के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि यदि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और ध्यान किया जाए तो सभी पापों का नाश होता है। इसके अलावा, इस दिन दीपक जलाने की परंपरा भी है, जो दिव्यता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।

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कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

कार्तिक पूर्णिमा  (Kartik Purnima 2024) को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु का पूजन करने से समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन गंगा स्नान करने से न केवल शारीरिक पवित्रता मिलती है, बल्कि मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है। गंगा स्नान करने से शरीर में बुरे कर्मों का नाश होता है और व्यक्ति को आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त होती है।

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भगवान विष्णु का पहला मत्स्य अवतार

धार्मिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा  (Kartik Purnima 2024) के दिन भगवान विष्णु ने अपना पहला मत्स्य अवतार लिया था। इस दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। इसके अलावा, इस दिन अखंड दीप दान करने से व्यक्ति को दिव्य कांति की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन में आस्था और शक्ति का संचार होता है।

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दीप दान का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2024)  के दिन दीप दान करने की परंपरा है। इसे करने से व्यक्ति को यज्ञ करने के समान पुण्य मिलता है। इस दिन दीप जलाना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शुभता भी लाता है। दीप जलाने से वातावरण में दिव्य रौशनी का संचार होता है और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ते हैं।

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क्या दान करें?

कार्तिक पूर्णिमा  (Kartik Purnima 2024)  दिन दान का विशेष महत्व है। इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन निम्नलिखित दान करना अत्यंत फलदायी माना जाता है:

  • तुलसी, चावल और फल का दान: भगवान विष्णु को प्रिय तुलसी, चावल और फल का दान करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर होते हैं।
  • रुपये का दान: इस दिन गरीबों और ब्राह्मणों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  • दीप दान: रात के समय दीप जलाना और इन्हें नदी या जल स्त्रोत में प्रवाहित करना बेहद शुभ माना जाता है।
  • पानी का दान: विशेषकर गंगा जल का दान करने से आत्मिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है।
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