Karwa Chauth 2025:करवा चौथ को भारतीय परंपरा में सुहाग और त्याग का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व माना जाता है। यह त्योहार पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण के भाव को गहरा करता है। वहीं, अक्टूबर या नवंबर में इस अवसर के दौरान शिक्षकों और स्कूल प्रशासन के लिए अक्सर एक चुनौती पैदा होती है—क्या इस दिन स्कूलों में पढ़ाई जारी रहेगी या नहीं। विवाहित शिक्षिकाओं के लिए यह दिन विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि उन्हें निर्जल व्रत रखने और पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ क्लास पढ़ाने का भी ध्यान रखना पड़ता है।
स्कूलों में छुट्टी का निर्णय!
इस साल करवा चौथ 10 अक्टूबर (गुरुवार) 2025 को है। यह राष्ट्रीय अवकाश (Compulsory National Holiday) घोषित नहीं है। यह पर्व क्षेत्रीय और व्यक्तिगत आस्था पर आधारित होता है। इसलिए स्कूलों में छुट्टी का निर्णय राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देशों पर निर्भर करता है। अधिकांश राज्यों में इसे ऐच्छिक अवकाश (Optional/Restricted Holiday) की श्रेणी में रखा जाता है।
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राज्य सरकारें दे सकती हैं छुट्टी

शिक्षा राज्य सरकारों के अधिकार क्षेत्र में आती है। इसलिए करवा चौथ पर सरकारी स्कूलों में अवकाश का निर्णय प्रत्येक राज्य की प्रशासनिक नीति और सामाजिक महत्व पर निर्भर करता है। अधिकांश राज्यों ने इसे ऐच्छिक अवकाश में रखा है, यानी केवल इच्छुक कर्मचारी छुट्टी ले सकते हैं। स्कूलों की स्थिति राज्यवार अलग होती है और यह राज्य सरकार के कैलेंडर और शिक्षा विभाग के परिपत्रों पर आधारित रहती है।
स्कूलों खुलेंगे या होगी छुट्टी?
भारत के ज्यादातर प्रमुख राज्यों में करवा चौथ पर स्कूल खुले रहते हैं। यह पर्व आमतौर पर ऐच्छिक अवकाश की सूची में आता है, न कि सार्वजनिक अवकाश की। उदाहरण के लिए, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में स्कूल खुले रहते हैं। विवाहित महिला कर्मचारी आकस्मिक अवकाश (Casual Leave – CL) या ऐच्छिक अवकाश लेकर व्रत रख सकती हैं।
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स्थानीय और क्षेत्रीय अवकाश
कुछ राज्यों में जैसे उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार के विशेष जिलों में इस पर्व का सामाजिक महत्व अधिक होता है। वहां स्थानीय जिला प्रशासन अपने विवेक से सरकारी स्कूलों के लिए एक दिन का अवकाश घोषित कर सकता है। यह निर्णय पूरी तरह स्थानीय आवश्यकताओं पर आधारित होता है।
पुरुष कर्मचारियों के लिए दिशा-निर्देश
करवा चौथ पर सामूहिक छुट्टी का आदेश नहीं होता। विवाहित महिला शिक्षिकाएं, जो व्रत रखती हैं, अपने विकल्प अनुसार छुट्टी ले सकती हैं। वहीं, पुरुष शिक्षकों और अन्य गैर-व्रती महिला स्टाफ के लिए स्कूल जाना अनिवार्य रहता है, जब तक कि राज्य सरकार या स्थानीय प्रशासन कोई विशेष आदेश न दे।
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प्राइवेट स्कूलों की स्थिति
निजी स्कूल भी छुट्टी का निर्णय अपने विवेक से लेते हैं। उत्तर भारत में कुछ निजी स्कूल आधे दिन की छुट्टी या पूर्ण छुट्टी घोषित कर देते हैं, ताकि शिक्षिकाओं को शाम में व्रत तोड़ने की तैयारी का समय मिल सके। अन्य राज्यों में स्कूल सामान्य समय पर खुले रहते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने स्कूल में कॉल करके छुट्टी का स्टेटस पहले से जान लें।
