Kedarnath Dham के कपाट 6 माह के लिए बंद, 15 हजार से अधिक भक्त ऐतिहासिक पल के बने साक्षी

विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट आगामी छह महीनों के लिए बंद हो गए है.

Aanchal Singh
Kedarnath Dham

Kedarnath Dham: दिवाली के बाद भैया दूज (Bhaiya Dooj) के पावन पर्व पर विश्व प्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट आगामी छह महीनों के लिए बंद हो गए है. इस अवसर पर केदारपुरी (Kedarpuri) में ‘जय बाबा केदार’ के जयघोष और भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों से वातावरण भक्तिमय हो गया. करीब 15 हजार से अधिक भक्त कपाट बंद होने के इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बने. कपाट बंद होने के बाद, बाबा केदार की उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हो गई है, जहां भक्त अब भगवान के दर्शन कर सकेंगे.

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कपाट बंद करने की धार्मिक प्रक्रिया

कपाट बंद करने की धार्मिक प्रक्रिया

सुबह पांच बजे बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में कपाट बंद करने की प्रक्रिया आरंभ हुई. बीकेटीसी के आचार्यों, वेदपाठियों, और पुजारियों ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग की समाधि पूजा की. भगवान शिवलिंग को भस्म, बेलपत्र, और स्थानीय पुष्पों से समाधि रूप में सजाया गया. सुबह 8:30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी डोली को मंदिर से बाहर लाया गया और इसके बाद कपाट बंद कर दिए गए. हजारों श्रद्धालु बाबा केदार की डोली के साथ उनके पहले पड़ाव रामपुर तक पैदल ही रवाना हुए.

इस साल आपदा का प्रभाव

इस साल आपदा का प्रभाव

केदारनाथ यात्रा इस वर्ष विभिन्न आपदाओं से प्रभावित रही. अतिवृष्टि और भूस्खलन के चलते अगस्त के महीने में यात्रा पूरी तरह बंद करनी पड़ी. इस दौरान, पैदल मार्ग पर हुए भारी नुकसान के कारण करीब तीन लाख यात्री दर्शन से वंचित रहे. इससे यात्रा मार्ग पर जुड़े होटल, दुकानदार, और अन्य व्यापारियों की आमदनी पर भी बुरा असर पड़ा. गत 31 जुलाई को आई आपदा में केदारनाथ पैदल मार्ग 13 स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसमें सात लोगों की मृत्यु हो गई और लगभग 20 लोग लापता हो गए.

मार्ग को ठीक करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अंतर्गत 400 से अधिक मजदूरों ने काम किया और एक महीने में मार्ग को फिर से सुचारू किया जा सका. इसके अलावा, सोनप्रयाग से आगे गौरीकुंड हाइवे पर डेढ़ सौ मीटर हाइवे बह जाने से यात्रियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

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इस वर्ष यात्रियों की संख्या में गिरावट

इस वर्ष यात्रियों की संख्या में गिरावट

आपदा के चलते इस वर्ष यात्रा में यात्रियों की संख्या में कमी देखी गई. इस साल करीब 16.48 लाख यात्रियों ने केदारनाथ धाम के दर्शन किए, जबकि पिछले वर्ष 19.57 लाख श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन करने पहुंचे थे. इस कमी का सीधा असर यात्रा मार्ग से जुड़े छोटे व्यापारियों और होटलों पर पड़ा, जिनकी आमदनी प्रभावित हुई. तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती बताते हैं कि जुलाई में आई आपदा के चलते यात्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार के अनुसार, आपदा से प्रभावित मार्ग को जल्द से जल्द ठीक करने के लिए तत्काल कार्रवाई की गई ताकि यात्रा को फिर से बहाल किया जा सके.

आंकड़े एक नजर में

आंकड़े एक नजर में

2023 में कुल यात्रियों की संख्या: 1957850
2024 में कुल यात्रियों की संख्या: 1648500
हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्रियों की संख्या (2023): 140641
हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्रियों की संख्या (2024): 128300

इस साल आपदा के चलते यात्रा में आई बाधाओं के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह बरकरार रहा. प्रशासन और स्थानीय लोगों के प्रयासों से यात्रा को पुनः सुचारू किया गया, जिससे श्रद्धालु बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सके.

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