Kedarnath Yatra Landslide:उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश और भूस्खलन की घटनाओं के चलते केदारनाथ यात्रा एक बार फिर बाधित हो गई है। शनिवार देर रात करीब 3:30 बजे गौरीकुंड के समीप श्री केदारनाथ धाम की ओर जाने वाले पैदल मार्ग पर अचानक पहाड़ी दरक गई, जिससे भारी मात्रा में मलबा और पत्थर मार्ग पर आ गए। इसके चलते पैदल रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया और यात्रा को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया।
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यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यात्रा स्थगित

भारी भूस्खलन के कारण मार्ग बाधित होने की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। जब तक मार्ग पूरी तरह से सुरक्षित और साफ नहीं हो जाता, तब तक यात्रियों की आवाजाही पर पूर्ण रोक लगा दी गई है।रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने साफ शब्दों में कहा है कि किसी भी प्रकार की जल्दबाजी यात्रियों के लिए जोखिम भरी हो सकती है, इसलिए लोगों से मौसम और प्रशासन के निर्देशों के अनुसार यात्रा करने की अपील की गई है।
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एनडीआरएफ ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन
भूस्खलन की घटना गौरीकुंड के घोड़ा पड़ाव के पास हुई, जहां से कई यात्री केदारनाथ से लौट रहे थे। अचानक मार्ग बंद होने से ये यात्री बीच रास्ते में फंस गए।घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) की टीम मौके पर पहुंची और सभी फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। किसी प्रकार की जनहानि की सूचना नहीं है, जो राहत की बात है।
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लोक निर्माण विभाग कर रहा है मार्ग खोलने का प्रयास

मार्ग पर आए मलबे और पत्थरों को हटाने का काम लोक निर्माण विभाग (PWD) के माध्यम से तेजी से किया जा रहा है। जेसीबी मशीनों और श्रमिकों को लगाया गया है ताकि जल्द से जल्द रास्ता साफ किया जा सके और यात्रा पुनः शुरू की जा सके।हालांकि, लगातार बारिश के कारण काम में बाधाएं आ रही हैं, जिससे मार्ग को साफ करने में समय लग सकता है।
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प्रशासन की अपील
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने तीर्थयात्रियों से मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा की योजना बनाने की अपील की है। राज्य में मानसून सक्रिय है, जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन और रास्ते बाधित होने की घटनाएं आम हो गई हैं।यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक जोखिम न लें और जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, स्थानीय प्रशासन के संपर्क में रहें।