Kerala Education Policy 2025: केरल सरकार ने स्कूल की सामाजिक विज्ञान की किताबों में राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों को शामिल करने का फैसला किया है। इस साल कक्षा 10 की सोशल साइंस की वॉल्यूम 2 में एक नया अध्याय जोड़ा जाएगा, जिसमें राज्यपाल की भूमिका, शक्तियाँ और जिम्मेदारियों की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा, कक्षा 11 और 12 की किताबों में भी यह विषय जोड़ा जाएगा।
राज्य के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टि का कहना है कि, स्कूल लोकतंत्र की बुनियादी समझ सिखाने की जगह होते हैं, और हाल के दिनों में राज्यपालों द्वारा निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने की घटनाएँ बढ़ी हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को यह जानना जरूरी है कि राज्यपाल का संवैधानिक पद क्या होता है और उसकी सीमाएँ क्या हैं।
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प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन…
यह निर्णय हाल ही में राजभवन में हुई एक विवादास्पद सार्वजनिक घटना के बाद लिया गया है। उस कार्यक्रम में केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टि ने भारत माता की तस्वीर मंच पर प्रदर्शित होने के विरोध में कार्यक्रम से बाहर निकलने की घोषणा कर दी थी। इस घटना को लेकर राजभवन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री के इस कदम को प्रोटोकॉल का गंभीर उल्लंघन बताया।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय…
शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टि ने यह भी उल्लेख किया है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट किया है कि राज्यपालों को राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने या उन्हें राष्ट्रपति के पास भेजने की प्रक्रिया में अनिश्चितकाल तक देरी नहीं की जा सकती। अदालत ने इस प्रक्रिया के लिए एक निश्चित समय-सीमा तय करने की आवश्यकता पर बल दिया है।
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शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने कहा…
शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि पाठ्यक्रम सुधारों का मुख्य उद्देश्य संवैधानिक सिद्धांतों को बढ़ावा देना है, क्योंकि स्कूल बच्चों को यह समझाने में मदद करते हैं कि लोकतंत्र कैसे काम करता है। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में राज्यपालों का दुरुपयोग करके निर्वाचित सरकारों को अस्थिर करने के प्रयास बढ़े हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। शिवनकुट्टी ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि संविधान के तहत राज्यपाल की शक्तियां क्या हैं और उनके अधिकारों की सीमाएं भी तय की गई हैं, इसलिए छात्रों को इस बारे में जागरूक करना जरूरी है।