Kerala SIR: मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर पश्चिम बंगाल के बाद अब तमिलनाडु और केरल में भी विरोध बढ़ गया है। तमिलनाडु में बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) से लेकर तहसीलदार स्तर तक के कर्मचारियों ने मंगलवार से बायकॉट का ऐलान किया है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग द्वारा तय की गई समय-सीमा, सीमित स्टाफ और अत्यधिक कार्यभार के कारण वे SIR प्रक्रिया को प्रभावी ढंग से पूरा नहीं कर पा रहे हैं।
Kerala SIR: कर्मचारी संघों ने वर्कलोड और कम स्टाफ को बताया मुख्य कारण
तमिलनाडु राजस्व कर्मचारी संघों के संयुक्त संगठन ने स्पष्ट किया है कि वे अत्यधिक दबाव, सीमित जनशक्ति, अधूरी ट्रेनिंग और दिए गए मेहनताने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। संघों का तर्क है कि मौजूदा परिस्थितियों में एक ही समय पर अनेक सरकारी जिम्मेदारियाँ निभाना संभव नहीं है। इसके चलते SIR प्रक्रिया कर्मचारियों पर अतिरिक्त बोझ बन गई है, जिसे लेकर असंतोष लगातार बढ़ रहा है।
Kerala SIR: केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई गुहार
इधर केरल सरकार ने भी SIR को लेकर गंभीर असहमति जताई है। राज्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर निवेदन किया है कि स्थानीय निकाय चुनाव पूरे होने तक SIR प्रक्रिया को स्थगित किया जाए। केरल का कहना है कि स्थानीय चुनावों की तैयारी के बीच मतदाता सूची का विशेष पुनरीक्षण कराना प्रशासनिक रूप से बेहद कठिन है। इस कारण SIR को कुछ समय के लिए टालना आवश्यक है ताकि दोनों प्रक्रियाएँ प्रभावित न हों।चुनाव आयोग के अनुसार अब तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 50.11 करोड़ फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 98.32% मतदाताओं तक फॉर्म पहुंचा दिया गया है। आयोग का कहना है कि SIR प्रक्रिया को पारदर्शी और व्यापक बनाने के लिए यह सबसे बड़ा प्रयास है, ताकि किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से छूटे नहीं।
IUML ने SIR रोकने के लिए SC में याचिका दायर की
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने भी केरल में चल रही SIR गतिविधि के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। IUML ने अपनी याचिका में कहा है कि 9 और 11 दिसंबर को होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों के साथ-साथ SIR करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। संगठन का तर्क है कि SIR का ड्राफ्ट 4 दिसंबर को प्रकाशित होना है, जो सीधे तौर पर चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।
कांग्रेस की 12 राज्यों में समीक्षा बैठक
इसी बीच कांग्रेस ने भी SIR से जुड़े मुद्दों पर अपनी चिंता जताई है। बिहार चुनाव में मिली हार और कई जगहों पर ‘वोट चोरी’ के आरोपों के बाद पार्टी ने मंगलवार को 12 राज्यों के प्रभारियों, राज्य अध्यक्षों, विधायक दलों के नेताओं और सचिवों के साथ समीक्षा बैठक बुलाई है। कांग्रेस का उद्देश्य है कि जहां SIR प्रक्रिया जारी है, वहां की स्थितियों को समझकर राजनीतिक रणनीति तय की जा सके।
बंगाल में AI की मदद से नकली वोटरों पर नकेल
चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में SIR प्रक्रिया के दौरान नकली और मृत मतदाताओं के नाम हटाने के लिए AI आधारित सत्यापन प्रणाली लागू करने जा रहा है। यह तकनीक मतदाता डेटाबेस में मौजूद तस्वीरों का विश्लेषण कर डुप्लीकेट पहचान को चिन्हित करने में मदद करेगी। अधिकारी के अनुसार, प्रवासी श्रमिकों और अन्य वोटरों की तस्वीरों के दुरुपयोग की बढ़ती शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है।
BLO की भूमिका अब भी सबसे महत्वपूर्ण
हालांकि AI तकनीक से प्रक्रिया तेज होगी, लेकिन अधिकारी बताते हैं कि BLO की भूमिका अभी भी केंद्रीय है। उन्हें घर-घर जाकर मतदाताओं की तस्वीरें व दस्तावेज़ सत्यापित करने होंगे। जब बूथ लेवल एजेंट (BLA) फॉर्म जमा करते हैं, तब भी BLO को हस्ताक्षर सत्यापन के लिए व्यक्तिगत रूप से संबंधित घरों में जाना अनिवार्य है। अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर SIR के बाद कोई फर्जी या मृत मतदाता सूची में पाया जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित BLO पर होगी।
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