Keshav Prasad Maurya: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में शनिवार (6 दिसंबर) को तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमांयू कबीर ने एक नई मस्जिद की नींव रखी, जिसे अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए और कबीर ने औपचारिक रूप से फीता काटकर शिलान्यास किया। उनके इस कदम ने राज्य और राष्ट्रीय राजनीति दोनों में हलचल पैदा कर दी है।
Keshav Prasad Maurya: बाबर के नाम पर निर्माण का विरोध होगा: केशव प्रसाद मौर्य
मस्जिद निर्माण की खबर फैलते ही उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। रविवार (7 दिसंबर) को उन्होंने कहा कि मस्जिद बनाने का विरोध नहीं है, लेकिन यदि किसी संरचना को मुगल बादशाह बाबर के नाम पर बनाया गया, तो उसका सख़्त विरोध किया जाएगा। उनका यह बयान अब व्यापक चर्चा का विषय बन चुका है।मौर्य ने कहा कि देश संविधान से चलता है और किसी भी धार्मिक स्थल बनाने का हक सभी को है, लेकिन बाबर के नाम पर किसी भी निर्माण का कड़ा प्रतिरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनता ऐसे कदमों को स्वीकार नहीं करेगी जो समाज में गलत संदेश दें।
Keshav Prasad Maurya: अखिलेश यादव पर तीखा हमला
अपने बयान में केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव पर भी सीधा हमला बोला। झांसी में एक समीक्षा बैठक के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार से अखिलेश यादव का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और वे “मुंगेरीलाल जैसे सपने देखने” लगे हैं।
“सपा का भविष्य अंधकारमय” – मौर्य
मौर्य ने दावा किया कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटें मिलने के बावजूद समाजवादी पार्टी का भविष्य उज्ज्वल नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सपा की स्थिति और खराब होगी। उनके अनुसार, बिहार चुनाव के परिणाम आने के बाद “लाल टोपी और जालीदार टोपियां यूपी से गायब हो गई हैं,” और अब सपा का “सूर्यास्त होने वाला” है।
एसआईआर समीक्षा बैठक में की भागीदारी
इस राजनीतिक विवाद के बीच मौर्य ने झांसी में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़े एक महत्वपूर्ण समीक्षा सत्र में हिस्सा लिया। उन्होंने अधिकारियों से मतदाता सूची को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाने के लिए सतर्कता बरतने को कहा।झांसी के कार्यक्रम के बाद मौर्य पीतांबरा पीठ दतिया पहुंचे, जहां उन्होंने माता के दर्शन किए। इसके बाद वे लखनऊ लौट गए। अधिकारियों के अनुसार, मौर्य आगामी चुनावों की तैयारियों और संगठनात्मक बैठकों में हिस्सा लेने के लिए राजधानी रवाना हुए।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
मुर्शिदाबाद में मस्जिद शिलान्यास के बाद से ही भाजपा व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज़ हो गए हैं। जहां मौर्य इसे बाबर के नाम पर “विवादित कदम” बता रहे हैं, वहीं TMC नेता इसे धार्मिक स्वतंत्रता का विषय बता रहे हैं। उधर, केंद्रीय और राज्य एजेंसियां भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। आने वाले दिनों में यह मुद्दा पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश की राजनीति पर प्रभाव डाल सकता है।
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