Kharmas 2025: कब से शुरू हो रहा खरमास? जानें क्या करें क्या नहीं

खरमास 2025 सूर्य के धनु राशि में प्रवेश से शुरू होता है, जिसे धनु संक्रांति कहते हैं। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं। भक्तजन सूर्य देव, भगवान विष्णु और तुलसी जी की पूजा करते हैं तथा सूर्य को अर्घ्य देने से विशेष फल प्राप्त होता है।

Nivedita Kasaudhan
Kharmas 2025
Kharmas 2025

Kharmas 2025: सनातन धर्म में खरमास को विशेष अवधि माना गया है, जब सूर्य देव गुरु की राशि धनु में प्रवेश करते हैं। इसे धनु संक्रांति भी कहा जाता है। इस समय को धार्मिक नजरिए से अत्यंत पवित्र माना जाता है। लेकिन मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और नया कारोबार शुरू करने के लिए यह समय उचित नहीं होता है। खरमास का महीना भगवान सूर्यदेव को समर्पित होता है इस दौरान पूजा पाठ और दान पुण्य के कार्य करना लाभकारी माना जाता है, जानें खरमास से जुड़ी जानकारी।

क्यों डराती है शनि की महादशा? समझें इसके प्रभाव और राहत के उपाय

कब शुरू होगा खरमास 2025?

Kharmas 2025
कब से शुरू हो रहा खरमास

पंचांग के अनुसार, इस वर्ष धनु संक्रांति 16 दिसंबर 2025 को पड़ रही है। इसी दिन से खरमास की शुरुआत होगी। यह अवधि लगभग एक महीने तक चलेगी और इसका समापन 14 जनवरी 2026 को होगा। इस दौरान सभी मांगलिक कार्य स्थगित कर दिए जाते हैं और लोग धार्मिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं।

खरमास में सूर्य देव को अर्घ्य देने की विधि

खरमास के दौरान सूर्य देव की उपासना विशेष फलदायी मानी जाती है। प्रतिदिन सूर्योदय के समय स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।

तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें और उसमें लाल चंदन, लाल फूल तथा अक्षत मिलाएं।

सूर्य की ओर मुख करके खड़े हों और दोनों हथेलियों को सिर के ऊपर उठाएं।

धीरे-धीरे धार बनाते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें।

जल की धार से सूर्य की किरणों को देखें और मन ही मन आरोग्य, यश और वैभव की कामना करें।

इस दौरान तामसिक भोजन से दूर रहें और मन में किसी के प्रति बुरे विचार न लाएं।

सूर्य देव की पूजा करते समय मंत्र का जाप करें: ॐ घृणि सूर्याय नमः।।

खरमास में क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

भगवान विष्णु, सूर्य देव और तुलसी जी की पूजा करें।

दान-पुण्य, तीर्थयात्रा और गरीबों की सहायता करें।

Kharmas 2025
कब से शुरू हो रहा खरमास

ध्यान और भक्ति में समय लगाएं।

क्या न करें:

विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और नया कारोबार शुरू करने से बचें।

मांगलिक कार्यों को इस अवधि में स्थगित रखें।

खरमास के लाभ

खरमास के दौरान की गई पूजा, ध्यान और दान से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह अवधि रोग, दरिद्रता और मानसिक कष्टों से मुक्ति दिलाती है। साथ ही भगवान सूर्य की कृपा से जीवन में ऊर्जा, यश और समृद्धि का संचार होता है।

Aaj Ka Rashifal: शनिवार से शुरू होंगे इन राशियों के बुरे दिन! बुध का गोचर करेगा परेशान

Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version